घर वापस आइए अभियान: छत्तीसगढ़ में तीन लाख के इनामी समेत पांच नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

तीन लाख के इनामी समेत पांच नक्सलियों ने एसपी व अन्य अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें एक इनामी नक्सली एके-47 राइफल 80 कारतूस वर्दी और स्टेशनरी सामान लेकर पहुंचा था। नक्सली ने एके-47 राइफल रायपुर में एक व्यक्ति से आठ लाख रुपये में खरीदी थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 10:27 PM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 10:27 PM (IST)
घर वापस आइए अभियान: छत्तीसगढ़ में तीन लाख के इनामी समेत पांच नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
रायपुर से ली एके-47 व कारतूस और दंतेवाड़ा पहुंचकर नक्सली ने किया समर्पण।

दंतेवाड़ा, राज्य ब्यूरो। सोमवार को तीन लाख के इनामी समेत पांच नक्सलियों ने एसपी व अन्य अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें एक इनामी नक्सली एके-47 राइफल, 80 कारतूस, वर्दी और स्टेशनरी सामान लेकर पहुंचा था। नक्सली ने एके-47 राइफल रायपुर में एक व्यक्ति से आठ लाख रुपये में खरीदी थी। राइफल के साथ समर्पण करने वाला नक्सली दरभा डिवीजन दलम सुरक्षा का प्लाटून सेक्शन डिप्टी कमांडर बताया गया है।

पुलिस के घर वापस आइए अभियान को मिली सफलता

पुलिस के लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत सोमवार को बंडीपारा परचेली निवासी सोमडू वेट्टी, एटेपाल निवासी व छोटेगुडरा पंचायत जनमिलिशिया सदस्य बामन उर्फ डेंगा यादव, नहाड़ी-ककाड़ी पंचायत जनमिलिशिया सदस्य देवा मड़कम, डुवालीकरका चेतना नाट्य मंडली सदस्य लक्ष्मण और स्कूलपारा निवासी चेतना नाट्य मंडली सदस्य कुमारी मड़कम बोज्जो ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस दौरान सीआरपीएफ डीआइजी विनय कुमार सिंह, एसपी डा. अभिषेक पल्लव, एएसपी उदय किरण, राजेंद्र जायसवाल, एसडीओपी चंद्रकांत गर्वना, डीएसपी शिल्पा साहू, आशारानी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

नक्सलियों को लगाया आठ लाख का चूना

आत्मसमर्पण के बाद सोमडू ने बताया कि नक्सली नेता मंगतू के कहने पर वह बड़ेगुडरा के सुरेश नामक युवक से आठ लाख रुपये लेकर एक सप्ताह पहले रायपुर गया था। वहां एक अनजान व्यक्ति ने उसे एके-47, कारतूस, वर्दी और स्टेशनरी दी थी। सामान लेकर वह दंतेवाड़ा आ गया। सोमडू ने कहा कि उसने काफी पहले ही पुलिस के पास आने का मन बना लिया था, लेकिन मौका नहीं मिला।

अब गांव में रहकर शांत की जिंदगी जीना चाहता है

मंगतू ने उसे रायपुर सामान लेने जाने को कहा तो उसने अच्छा मौका मानकर रायपुर से लौटते हुए पुलिस से संपर्क किया। अब गांव में रहकर शांत की जिंदगी जीना चाहता है। सोमडू ने बताया कि वह एके-47 लेकर कुछ दिनों तक डिवीजन मेंबर चैतू, विनोद, देवा, जगदीश, जयलाल आदि की सुरक्षा में लगा रहा और मौका लगते ही समर्पण कर दिया।

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