तूतरें-चक लावल मार्ग पर फैला कचरा

कस्बे के गांव तूतरें से चक लावल मार्ग पर फैला कचरा क्षेत्रवासियों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। स्वच्छता के सारे सरकारी दावे यहां पानी भरते नजर आ रहे हैं। बदबू होने से लोग मुंह पर रुमाल रखने को मजबूर होने लगे हैं।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Fri, 30 Jan 2015 09:50 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jan 2015 09:53 AM (IST)
तूतरें-चक लावल मार्ग पर फैला कचरा

संवाद सूत्र, मीरां साहिब। कस्बे के गांव तूतरें से चक लावल मार्ग पर फैला कचरा क्षेत्रवासियों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। स्वच्छता के सारे सरकारी दावे यहां पानी भरते नजर आ रहे हैं। बदबू होने से लोग मुंह पर रुमाल रखने को मजबूर होने लगे हैं। हालत यह है कि सड़क किनारे कचरे के ढेर लगे हुए हैं। बारिश में कीचड़ के साथ बदबू बीमारियों को न्योता दे रही है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह जनहित को देखते हुए बिना देरी कचरे को उठवाने की व्यवस्था करे। हद तो यह है कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं हाथों में झाडू लेकर सरकारी तंत्र के साथ जनता को जागरूक करने के लिए प्रयासरत हैं और दूसरी तरफ यहां प्रशासन ध्यान ही नहीं दे रहा। लोगों का कहना है कि प्रशासन अमला उन्हें कचरा फेंकने के लिए कोई स्थान मुहैया नहीं करवाता जिससे यहां-वहां कचरे के ढेर लगे हुए हैं। बिना देरी इस दिशा में प्रशासन को प्रभावी कदम उठाकर लोगों को राहत प्रदान करनी चाहिए।

'प्रशासन जब गंभीर होगा तभी सार्थक परिणाम सामने आएंगे। मात्र दावों से काम नहीं होने वाला। इस क्षेत्र में भी विशेष अभियान चलाने की जरूरत है। अधिकारियों को भी इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।'

-चंद्र शर्मा

'जागरूकता शिविर लगाने के साथ कचरा निस्तारण की दिशा में कोई ठोस प्रोजेक्ट बनाया जाना चाहिए। तभी इस समस्या का स्थायी समाधान होगा। लोगों को भी आगे आना होगा।'

-कुलभूषण गुप्ता

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