चीफ जस्टिस ने विज्ञापन के लिए फोटो देने से किया इन्कार

देश के मुख्य न्यायाधीश पी.सतशिवम को व्यक्तिगत प्रचार पसंद नहीं है। सतशिवम ने निजी प्रचार से कन्नी काटते हुए सरकारी विज्ञापन में अपनी फोटो (चित्र) छापने की मंजूरी देने मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से संबद्ध इस कार्यक्रम के लिए मंत्रियों के चित्र प्रकाशित हुए थे। सूचना अधिकार कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल की आरटीआइ अर्जी के

By Edited By: Publish:Tue, 14 Jan 2014 06:01 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jan 2014 06:10 PM (IST)
चीफ जस्टिस ने विज्ञापन के लिए फोटो देने से किया इन्कार

नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश पी. सतशिवम को व्यक्तिगत प्रचार पसंद नहीं है। सतशिवम ने निजी प्रचार से कन्नी काटते हुए सरकारी विज्ञापन में अपनी फोटो (चित्र) छापने की मंजूरी देने मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से संबद्ध इस कार्यक्रम के लिए मंत्रियों के चित्र प्रकाशित हुए थे।

सूचना अधिकार कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल की आरटीआइ अर्जी के जवाब में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के मुताबिक, डाक विभाग ने शीर्ष अदालत के लिए पहली बार विशेष रूप से पिन कोड बनाया। विज्ञापन व दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) ने इस बाबत सरकारी विज्ञापन प्रकाशित करने का फैसला किया व मुख्य न्यायाधीश सतशिवम के चित्र के प्रकाशन की अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने मंजूरी देने मना कर दिया था।

दस्तावेजों के मुताबिक, पोस्ट मास्टर जनरल राजेंद्र कश्यप ने 24 सिंतबर, 2013 को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार (प्रशासनिक-शिष्टाचार) एमए सईद को पत्र भेजा। पत्र में तत्कालीन केंद्रीय संचार मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में होने वाले कार्यक्रम की जानकारी थी। साथ ही, इस बाबत समाचार पत्रों में 26 सितंबर को प्रकाशित कराए जाने वाले विज्ञापन के लिए मुख्य न्यायाधीश पी. सतशिवम की टिकट साइज फोटो के इस्तेमाल की मंजूरी मांगी गई थी।

सईद ने पोस्ट मास्टर जनरल राजेंद्र कश्यप के प्रस्ताव को मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय भेज दिया। पी.सतशिवम ने सरकारी विज्ञापन में अपने चित्र के इस्तेमाल की मंजूरी देने से मना कर दिया।

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