Citizenship Bill Protest : पीएम मोदी बोले- अफवाह और झूठ से बचें, भारतीयों के खिलाफ नहीं नागरिकता कानून

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि नागरिकता कानून किसी भी भारतीय के खिलाफ नहीं है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 03:20 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 03:39 PM (IST)
Citizenship Bill Protest : पीएम मोदी बोले- अफवाह और झूठ से बचें, भारतीयों के खिलाफ नहीं नागरिकता कानून
Citizenship Bill Protest : पीएम मोदी बोले- अफवाह और झूठ से बचें, भारतीयों के खिलाफ नहीं नागरिकता कानून

नई दिल्‍ली, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के कई राज्‍यों में हिंसक प्रदर्शन हो रही हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि नागरिकता कानून किसी भी भारतीय के खिलाफ नहीं है।

पीएम मोदी ने लिखा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जो हिंसक प्रदर्शन हो रहा है वह निंदनीय है। यह शांति, एकता और भाईचारा बनाए रखने का समय है। सभी से अपील है कि किसी भी तरह की अफवाह और झूठ से दूर रहें। हां, बहस, चर्चा और असंतोष लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान करना और आम जीवन को प्रभावित करना लोकतंत्र का हिस्सा नहीं है।'

पीएम ने लिखा, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संसद के दोनों सदनों के द्वारा पास किया गया है। बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया है। ये अधिनियम भारत की पुरानी संस्कृति जो कि भाईचारा सिखाती है, उसका संदेश देती है। मैं भारत के सभी नागरिकों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन एक्ट किसी भी धर्म के नागरिक को प्रभावित नहीं करता है। किसी भी भारतीय को इस कानून के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। ये सिर्फ उनके लिए है, जिन्होंने बाहर के देश में जुल्म झेला है और भारत के अलावा उनके लिए कोई जगह नहीं है।

देशवासियों से पीएम ने अपील करते हुए लिखा कि समय की आवश्यकता है कि आज सभी भारत के विकास में काम करें और गरीब, पिछड़े लोगों को सशक्त करने के लिए एक हों। हम स्वार्थी समूहों को इस प्रकार हमें बांटने और अशांति पैदा करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं।

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गौरतलब है कि देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर हिंसा की आग भड़कती जा रही है। असम और बंगाल से शुरू हुई हिंसा की लपटों ने रविवार को राजधानी दिल्ली और अलीगढ़ को भी चपेट में ले लिया। दिल्ली के जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ के एएमयू में उपद्रवियों ने सबसे ज्यादा बवाल किया। दिल्ली में कई बसें और पुलिस चौकियां फूंक दी गई। यहां छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मियों समेत करीब 40 लोग घायल हो गए।

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