शिवराज पर हमले के बाद दिग्गी-सिंधिया को घेरने की तैयारी

व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम घसीटने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के खिलाफ राज्य सरकार ने घेराबंदी की तैयारी शुरू कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में हुईं अवैध और अनियमित नियुक्तियों के मामले में सरकार जल्द ही आयोग या कमेटी बनाकर जांच

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Wed, 18 Feb 2015 01:24 PM (IST) Updated:Wed, 18 Feb 2015 03:11 PM (IST)
शिवराज पर हमले के बाद दिग्गी-सिंधिया को घेरने की तैयारी

भोपाल [धनंजय प्रताप सिंह]। व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम घसीटने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के खिलाफ राज्य सरकार ने घेराबंदी की तैयारी शुरू कर दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में हुईं अवैध और अनियमित नियुक्तियों के मामले में सरकार जल्द ही आयोग या कमेटी बनाकर जांच करवाएगी। ग्वालियर में जमीनों को खुर्द-बुर्द करने के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लपेटने की कवायद होगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने प्रमुख सचिव को निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री-जेटली ने बात की

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री से इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने भी बात की थी। दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि वे अपनी बात पूरी ताकत के साथ कहें, चुप न रहें और कांग्रेस के हमलों का पलटवार करें।

व्यापमं मामले में कांग्रेस दिग्गजों के हमले के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना केरल दौरा स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री हाउस में उन्होंने दो बार अपने प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस और एसके मिश्रा के साथ बैठक की। बाद में उन्होंने मीडिया के साथ बातचीत कर व्यापमं मामले में अपना पक्ष रखा।

विधानसभा में किया था जांच का ऐलान

मुख्यमंत्री चौहान ने 2 जुलाई 2014 को कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए विधानसभा में कांग्रेस कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा की गई कई अवैध नियुक्तियों का हवाला दिया गया था। तत्कालीन स्पीकर श्रीनिवास तिवारी द्वारा प्लंबर और इलेक्ट्रिीशियन को शिक्षक बनाने से लेकर तमाम उदाहरण गिनाए गए थे।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि सारी अवैध नियुक्तियों की सरकार जांच कराएगी। पर आठ माह बाद भी ये जांच शुरू नहीं हो पाई। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस दिग्गजों के हमले के बाद मुख्यमंत्री को यह मामला याद दिलाया गया और बताया गया कि कुछ ब्यूरोक्रेट्स के प्रभाव के चलते ये कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। इसके बाद सीएम ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।

ग्वालियर में घेरेंगे सिंधिया को

राजघराने की जमीन के खरीद-फरोख्त के मामले में सरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी शिकंजा कसने की रणनीति है। इस मामले में विधानसभा चुनाव से पहले से सरकार तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जयविलास पैलेस सहित बहुत सारी जमीन राजस्व रिकार्ड में नहीं होने के मामले में ग्वालियर कलेक्टर ने कुछ दिन पहले नाटिस भी जारी कर दिए हैं।

मर्जर एक्ट को लेकर हो रही कार्रवाई में सरकार के सामने बड़ी मुसीबत है कि ग्वालियर राजघराने की संपत्ति का बंटवारा नहीं हुआ है। यही कारण है कि कलेक्टर के नोटिस राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे को भी भेजे गए हैं। सरकार इस जांच की गति अब तेज करेगी।

हम गलत तो कार्रवाई हो: यादव

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हम गलत हैं तो कार्रवाई हो। शपथपत्र देकर आरोप लगाए हैं। इससे ज्यादा संजीदगी और क्या हो सकती है। इसे सरकार चैलेंज क्यों नहीं करती है।

विचाराधीन है मामला

विधानसभा में कांग्रेस ने ही अनर्गल आरोप लगाए थे। जिसके जवाब में सरकार ने पक्ष सामने रखा था कि कांग्रेस के कार्यकाल में सिगरेट के पैकेट की पर्चियों में नियुक्तियां की गईं थीं। इस मामले में कांग्रेस के कार्यकाल के ऐसी कई अवैध नियुक्तियों की बात सामने आई थी। जिसकी जांच की बात कही गई थी। अभी ये विचाराधीन है। -नरोत्तम मिश्रा, सरकार के प्रवक्ता

दिग्गी के खिलाफ करेंगे कानूनी कार्रवाई

भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में शामिल होने के कांग्रेस के आरोपों के एक दिन बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुलकर सामने आए। उन्होंने कहा कि वे अपनी छवि धूमिल करने के लिए कांग्रेस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के विकल्प पर सोच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह से घिनौना षड्यंत्र रचकर मुझ पर आरोप लगाए हैं, दरअसल ये प्रदेश मुक्त हो चुकी कांग्रेस को खड़ा करने के लिए मुझे गिराने की साजिश का एक हिस्सा है। इसके पहले भी कांग्रेस इसी तरह के निराधार आरोप लगाती रही है। कांग्रेस इस हद तक गिर जाएगी, मुझे इसकी कल्पना नहीं थी। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं।

मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने नेताओं को टारगेट दिया है कि जब तक शिवराज नहीं हटेगा, मध्य प्रदेश में कांग्रेस नहीं दिखेगी। यही वजह है कि सारे दुश्मन सोमवार को भोपाल में एक डाल पर एक दूसरे से गलबहियां करते नजर आए।

उन्होंने कहा कि कल तक ये लोग एक-दूसरे से बात नहीं करते थे, आज मुझे घेरने के लिए साथ हो गए हैं। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री बोले, मैं कांग्रेस के सारे आरोप सिरे से खारिज करता हूं। कांग्रेस का आरोप है कि एक्सलशीट में जहां सीएम लिखा था वहां उमा भारती, राजभवन और मिनिस्टर 2,3 लिखवाया है।

इस पर शिवराज का कहना है कि पूरी तरह से निराधार आरोप हैं, यदि मैं एक्सलशीट में छेड़छाड़ कर नाम लिखवाता तो दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम लिखवाता। अपनों के नहीं।

[साभार: नई दुनिया]

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