सीमा गतिरोध पर चीन के साथ सैन्य वार्ता की समीक्षा करेगी सरकार, बार-बार वादे से पलट रही पीएलए

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पांच महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता की चीन अध्ययन समूह व्यापक समीक्षा कर सकता है। बता दें कि दोनों देशों में अभी तक सैनिकों की वापसी को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 06:03 AM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 06:03 AM (IST)
सीमा गतिरोध पर चीन के साथ सैन्य वार्ता की समीक्षा करेगी सरकार, बार-बार वादे से पलट रही पीएलए
चीन अध्ययन समूह (सीएसजी) भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता की समीक्षा करेगा।

नई दिल्ली, पीटीआइ। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पांच महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता की चीन अध्ययन समूह (सीएसजी) द्वारा व्यापक समीक्षा किए जाने की उम्मीद है। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने बुधवार को दी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की सात दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है। लेकिन सैनिकों की तेजी से वापसी को लेकर अभी कोई सफलता नहीं मिली है। पिछली वार्ता सोमवार को करीब 12 घंटे चली थी।

जमीन पर कोई पहल नहीं कर रहा चीन

एक भारतीय सैन्य अधिकारी ने कहा कि हालांकि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने वार्ता के माध्यम से गतिरोध को हल करने की इच्छा दिखाई, लेकिन उसकी ओर से इसके लिए जमीन पर कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया गया है। भारत का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी चीन पर है। यह भी पता चला है कि चीनी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार की वार्ता में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव रखा था।

दोनों देश संवाद बनाने पर सहमत

सीएसजी द्वारा इस प्रस्ताव पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा। प्रस्ताव के बारे में जानकारी नहीं मिली है। सीएसजी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुख शामिल हैं। भारत और चीन की सेनाओं ने मंगलवार को जारी एक संयुक्त प्रेस बयान में हाल की वार्ता को 'सकारात्मक और रचनात्मक' बताया था। इसमें कहा गया था कि दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक माध्यम से संवाद और संचार बनाए रखने के लिए सहमत हुए हैं।

वार्ता के जरिये सुलझाएं गतिरोध : चीन

चीन के राजदूत सुन वेइदांग ने इस बीच कहा कि दो प्रमुख पड़ोसी देश के तौर पर भारत और चीन के बीच मतभेद होना सामान्य है लेकिन उन्हें वार्ता के जरिये उचित तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। चीन के राजदूत भारतीय चिकित्सक द्वारकानाथ कोटनिस की 110वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे जिन्होंने माओत्से तुंग की अगुवाई में चीनी क्रांति के दौरान चीन में सेवा की थी।

लोग समझ गए हैं, यह अलग भारत है : जावडेकर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि चीन के साथ लगती सीमा पर देश की बढ़ी सतर्कता ने दिखा दिया है कि 2014 के बाद यह नया एवं अलग भारत है। वह कैबिनेट की बैठक के बाद इस मुद्दे पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे। यह पूछने पर कि क्या बैठक में चीन के साथ स्थिति पर भी चर्चा हुई तो उन्होंने इससे इन्कार किया। उन्होंने कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच सैन्य एवं कूटनीतिक स्तर पर वार्ता चल रही है।

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