पाकिस्तान से अधिक चिंता का कारण है चीन

विशेष विमान से। भारत ने रविवार को कहा कि चीन पाकिस्तान से चिंता का अधिक बड़ा कारण है। भारत के लिए वैश्विक दृष्टिकोण और संबंधों के लिहाज से चीन अधिक महत्वपूर्ण है। भारत-चीन के संबंध इस क्षेत्र पर प्रभाव डाल सकते हैं। भारत ने चीन के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने पर जोर दिया है। म्यांमार की तीन दिवसीय यात्रा से

By Edited By: Publish:Sun, 16 Dec 2012 11:04 PM (IST) Updated:Sun, 16 Dec 2012 11:05 PM (IST)
पाकिस्तान से अधिक चिंता का कारण है चीन

विशेष विमान से। भारत ने रविवार को कहा कि चीन पाकिस्तान से चिंता का अधिक बड़ा कारण है। भारत के लिए वैश्विक दृष्टिकोण और संबंधों के लिहाज से चीन अधिक महत्वपूर्ण है। भारत-चीन के संबंध इस क्षेत्र पर प्रभाव डाल सकते हैं। भारत ने चीन के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने पर जोर दिया है।

म्यांमार की तीन दिवसीय यात्रा से लौटने के दौरान विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि चीन से सीमा विवाद या पाकिस्तान के साथ विश्वास की कमी, इन दोनों में भारत के लिए कौन सी बड़ी चुनौती है? जबाब में खुर्शीद ने कहा कि वैश्विक नजरिए, आर्थिक दृष्टिकोण, स्थायित्व एवं हमारी दोस्ती की दृढ़ता, एशिया और दक्षिण एशिया के बारे में हमारी आपसी समझ के मामले में निश्चित तौर पर चीन अधिक महत्वपूर्ण है। जहां तक पाकिस्तान का ताल्लुक है वह अधिक स्थिर है।

विदेश मंत्री ने कहा कि चीन एक बड़ी तस्वीर का हिस्सा है और पाकिस्तान उस हिस्से का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि पाकिस्तान का रंग सही नहीं दर्शाया जाएगा तो पूरी तस्वीर को ही बिगाड़ सकता है, लेकिन बड़े कैनवास पर जिस तस्वीर से हमारा वास्ता है वह चीन है। चीन के साथ हम बहु पक्षीय तौर पर हर कदम पर जुड़े हैं। चीन एशिया, अफ्रीका या कहीं भी अत्यंत महत्वपूर्ण साझीदार हो सकता है। हम संयुक्त राष्ट्र में जो कुछ करना चाहते हैं उसमें चीन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। चीन हमें हमेशा यह याद दिलाते रहता है कि हमें अपनी अर्थव्यवस्था को सही पटरी पर रखना है। इसलिए चीन ज्यादा महत्वपूर्ण है। चूंकि पाकिस्तान में यह क्षमता है कि वह खेल को बिगाड़ सकता है इसलिए हमें पाकिस्तान पर भी ध्यान केंद्रित रखना है।

चीन और पाकिस्तान भी जुड़े हुए हैं और यह महत्वपूर्ण है। सीमा विवाद को लेकर चीन द्वारा भारत को तंग करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मेरी दिली इच्छा है कि ऐसा नहीं हो लेकिन ऐसा वे करते हैं। हमने उनके साथ रहना सीख लिया है। हमने उन्हें नियंत्रित करना भी सीख लिया है। आज हमारी वास्तविक समस्या यह नहीं है। भारत को चीन के साथ संबंध बढ़ाना चाहिए। चीन से भी संकेत मिले हैं कि वह भी इसी रास्ते पर चलना चाहता है।

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