लड़के की कीमत तीन लाख, 50 हजार में बेचते थे लड़की, इंदौर में बच्चा चोर गैंग का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

इंदौर में एक बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। नवजातों की सौदेबाजी करने वाली सरकारी अस्पताल की नर्स और वार्ड बॉय को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 11 Sep 2020 06:03 AM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 06:03 AM (IST)
लड़के की कीमत तीन लाख, 50 हजार में बेचते थे लड़की, इंदौर में बच्चा चोर गैंग का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
लड़के की कीमत तीन लाख, 50 हजार में बेचते थे लड़की, इंदौर में बच्चा चोर गैंग का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

इंदौर, जेएनएन। इंदौर में एक बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। नवजातों की सौदेबाजी करने वाली सरकारी एमटीएच अस्पताल की नर्स शिल्पा तेलंग और वार्ड बॉय बबलू उर्फ तेजकरण ठक्कर को पुलिस ने बुधवार देर रात गिरफ्तार किया। आरोपित एक महिला को 10 दिन की बच्ची एक लाख 20 हजार रुपये में बेचना चाहते थे, इसी दौरान वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए। आरोपित वर्ष 2017 से बच्चे चोरी कर बेच रहे थे।

50 हजार रुपये में बेचते थे लड़की

पुलि‍स के अनुसार, लड़की न्यूनतम 50 हजार रुपये में बेचते थे और लड़के का दाम तीन लाख रुपये तय कर रखा था। इंदौर के डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने आशंका जताई कि बच्चा चोरी के मामले में निजी अस्पताल भी शामिल हो सकता है। आरोपितों को कोर्ट से पांच दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस के मुताबिक बच्चा चोरों ने एक महिला को बच्ची बेचने के लिए फोन किया था।

अस्पताल की नर्स भी शामिल

इस महिला ने इवा वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन की डायरेक्टर भारती मंडोले को जानकारी दी। भारती ने डीआइजी से संपर्क कर बताया कि महाराजा तुकोजीराव अस्पताल (एमटीएच) अस्पताल की नर्स इसमें शामिल है। डीआइजी ने क्राइम ब्रांच की एक टीम बनाई। योजना अनुसार, आरोपित नर्स को बच्ची के साथ बुलाया। अपने साथी के साथ आई नर्स ने एक लाख 20 हजार रुपये में बच्ची का सौदा किया।

पुलिस ने तीन और लोगों को पकड़ा

भारती ने एक व्यक्ति को अपना पति बताया और बच्चा चोरों से मिलने राणीसती गेट के पास पहुंची। यहां भारती ने जैसे ही बच्ची को हाथ में लिया, पुलिस ने आरोपितों को धर दबोचा। इसके बाद बच्ची को महिला थाने की आरक्षक स्वाति पाठक बड़े अस्पताल ले गई और भर्ती कराया। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। देर रात पुलिस ने तीन और लोगों को संदेह के आधार पर पकड़ा है।

फर्टिलिटी सेंटर से मिला नंबर

शिकायतकर्ता महिला ने पुलिस को बताया कि वह पांच साल पहले एक फर्टिलिटी सेंटर में इलाज कराने गई थी। तभी उसे एक महिला का फोन आया था कि बच्चे की जरूरत हो तो उससे संपर्क करे। उस समय भी महिला ने बच्चा खरीदने से मना कर दिया था। इसके बाद महिला को एक बच्ची हो गई। मंगलवार को फिर महिला का फोन आया और बच्चा बेचने का ऑफर दिया। इसके बाद महिला ने इवा वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन की भारती मंडोले से संपर्क किया।

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