शासकीय कार्यो में कितने कारगर हैं राष्ट्रपिता के सिद्धांत, रूबरू हो रहे हैं नौकरशाह

समकालीन दुनिया में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता पर ऑनलाइन ट्रेनिंग शुरू। प्रशिक्षण से पता चलेगा रोजमर्रा के शासकीय कार्यो में कितने कारगर हैं राष्ट्रपिता के सिद्धांत।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 10 Feb 2020 05:57 PM (IST) Updated:Mon, 10 Feb 2020 05:57 PM (IST)
शासकीय कार्यो में कितने कारगर हैं राष्ट्रपिता के सिद्धांत, रूबरू हो रहे हैं नौकरशाह
शासकीय कार्यो में कितने कारगर हैं राष्ट्रपिता के सिद्धांत, रूबरू हो रहे हैं नौकरशाह

नई दिल्ली, प्रेट्र। देश और दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी आज भी प्रासंगिक हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने देश के कोने-कोने में काम करने वाले नौकरशाहों के लिए 'समकालीन दुनिया में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता' पाठ्यक्रम पर ऑनलाइन ट्रेनिंग शुरू की है। कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में यह जानकारी दी गई है।

इस पाठ्यक्रम में आचार व नैतिकता, अहिंसा और शांतिपूर्ण आंदोलन जैसे विषय भी शामिल हैं। आदेश में कहा गया है कि इस पाठ्यक्रम की सफलतापूर्वक ट्रेनिंग के बाद अधिकारी महात्मा गांधी के सिद्धांतों और शासन के रोजमर्रा के मामलों में उनकी प्रासंगिकता और महत्व से परिचित होंगे।

यह पाठ्यक्रम कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की तरफ से शुरू किए गए एकीकृत सरकार ऑनलाइन प्रशिक्षण (आइजीओटी) कार्यक्रम का हिस्सा है। ऑनलाइन मॉड्यूल-आधारित प्रशिक्षण के साथ मौजूदा प्रशिक्षण तंत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रमाणीकरण के साथ संयोजित किया गया है, ताकि सरकारी अधिकारियों को मौके पर और सही समय पर प्रशिक्षण इनपुट उपलब्ध कराया जा सके।

'समकालीन दुनिया में गांधी का प्रासंगिकता' पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम को गांधी और शांति अध्ययन केंद्र, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), नई दिल्ली और गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति (जीएस एवं डीएस), राजघाट के साथ परामर्श के बाद तैयार किया गया है।

इस पाठ्यक्रम को तीन मॉड्यूल में बांटा गया है जिसमें 12 खंड (प्रत्येक मॉड्यूल में चार खंड) हैं। इन खंडों में अहिंसा आंदोलन, शांतिपूर्ण आंदोलन, महिलाओं का आंदोलन, पर्यावरणीय आंदोलन, स्वराज, स्वदेशी, सत्याग्रह, न्यासधारिता और आचार व नैतिकता जैसे विषय रखे गए हैं।

इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण लेने के लिए अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस), भारतीय वन सेवा (आइएफओएस), समूह 'क' सेंट्रल सिविल सर्विस अफसर और अन्य के साथ केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) व राज्य प्रशासनिक/सिविल सेवा के समूह 'क' सभी अधिकारी पात्र हैं। इनके अलावा राज्य सिविल सेवा के समूह 'ख' और 'ग' वर्ग के अधिकारी भी इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।

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