बोडो उग्रवादियों के पीछे पड़े 11 हजार जवान, भूटान-म्यांमार तक होगा पीछा

निर्दोष आदिवासियों की हत्या करने वाले बोडो उग्रवादियों के भूटान और म्यांमार स्थित ठिकानों पर संयुक्त कार्रवाई की जाएगी। भूटान संयुक्त कार्रवाई के लिए तैयार है, जबकि म्यांमार से जल्द ही इसके लिए बात की जाएगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर सेनाध्यक्ष दलबीर सुहाग ने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैड

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Fri, 26 Dec 2014 03:47 AM (IST) Updated:Sat, 27 Dec 2014 02:47 PM (IST)
बोडो उग्रवादियों के पीछे पड़े 11 हजार जवान, भूटान-म्यांमार तक होगा पीछा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। निर्दोष आदिवासियों की हत्या करने वाले बोडो उग्रवादियों के भूटान और म्यांमार स्थित ठिकानों पर संयुक्त कार्रवाई की जाएगी। भूटान संयुक्त कार्रवाई के लिए तैयार है, जबकि म्यांमार से जल्द ही इसके लिए बात की जाएगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर सेनाध्यक्ष दलबीर सुहाग ने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैड (एस) के खिलाफ ऑपरेशन पर विचार विमर्श किया। इस मुलाकात के तत्काल बाद असम में उग्रवादियों के खिलाफ सेना, अ‌र्द्धसैनिक बलों और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई तेज कर दी। हालात का जायजा लेने सेनाध्यक्ष जनरल सुहाग शनिवार को असम जाएंगे। इस बीच केंद्र सरकार ने एनडीएफबी पर लगा प्रतिबंध पांच साल के लिए और बढ़ा दिया है।

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बोडो उग्रवादियों के भूटान और म्यांमार में चल रहे प्रशिक्षण शिविरों की पुख्ता जानकारी उपलब्ध है। असम में हिंसा करने के बाद उग्रवादी इन्हीं शिविरों में भाग जाते हैं। उनके समूल खात्मे के लिए असम के साथ-साथ भूटान और म्यांमार में कार्रवाई जरूरी है। बताया जाता है कि भूटान ने भारतीय सेना के साथ संयुक्त कार्रवाई को हरी झंडी दे दी है। जबकि राजनाथ सिंह ने सेनाध्यक्ष को जल्द ही म्यांमार सरकार के साथ बात कर रास्ता निकालने का भरोसा दिया है।

सेनाध्यक्ष और गृहमंत्री की मुलाकात के तत्काल बाद सेना की अगुवाई में 11 हजार से ज्यादा जवानों ने सघन कार्रवाई शुरू कर दी। कार्रवाई में सेना के साथ अद्र्धसैनिक बलों, असम राइफल्स और स्थानीय पुलिस के जवान भी शामिल हैं। सुरक्षा बलों के निशाने पर सबसे पहले वे 74 बोडो उग्रवादी हैं, जिन्होंने आदिवासियों की हत्या की थी। इस दौरान उग्रवादियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि वे म्यांमार या बांग्लादेश न भाग सकें। सूचना मिली है कि ये उग्रवादी अरुणाचल प्रदेश की पहाडिय़ों में छिपे हुए हैं। बैठक के बाद सेनाध्यक्ष ने कहा कि असम में हम ऑपरेशन तेज करने जा रहे हैं और इसके नतीजे जल्द सामने होंगे।

तस्वीरों में देखिए बोडो के खिलाफ लोगों में गुस्सा

तस्वीरों में देखिए असम में हमले के दर्दनाक दृश्य

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