परिणाम घोषित करने से पहले दसवीं के मूल्यांकन का तरीका सार्वजनिक करे सीबीएसई, कोर्ट में दायर याचिका

सीबीएसई बताए कि किस आधार पर अंक का निर्धारण हो रहा है और स्कूल उससे संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करें और वेबसाइट पर डालें। दसवीं बोर्ड के मूल्यांकन की नीति ही गलत है। सरकार ने अंक निर्धारण का जिम्मा स्कूलों पर छोड़ दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 12:37 AM (IST) Updated:Mon, 28 Jun 2021 12:37 AM (IST)
परिणाम घोषित करने से पहले दसवीं के मूल्यांकन का तरीका सार्वजनिक करे सीबीएसई, कोर्ट में दायर याचिका
जस्टिस फार आल संस्था ने हाई कोर्ट में दायर की याचिका

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं की परीक्षा का परिणाम घोषित करने से पहले अंक निर्धारण से संबंधित दस्तावेज एवं नीति को सार्वजनिक की मांग की गई है। जस्टिस फार आल संस्था ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस संबंध में बोर्ड को निर्देश देने की गुजारिश की है। मामले में सोमवार को सुनवाई होगी।

परिणाम घोषित करने से पहले मूल्यांकन के तरीका को सार्वजनिक करे सीबीएसई

अधिवक्ता खगेश बी झा एवं शिखा शर्मा बग्गा के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है कि ऐसा करने से सभी छात्र अपने अंक निर्धारण के तरीके को समझ सकेंगे और अपनी शिकायत को लेकर संबंधित अधिकारी के पास जा सकेंगे। इससे अंक निर्धारण में पारदर्शिता भी आएगी।

याचिका: सीबीएसई बताए किस आधार पर अंक का निर्धारण हो रहा

याचिका में मांग की गई है कि सीबीएसई बताए कि किस आधार पर अंक का निर्धारण हो रहा है और स्कूल उससे संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करें और वेबसाइट पर डालें।

दसवीं बोर्ड के मूल्यांकन की नीति गलत, अंक निर्धारण का जिम्मा स्कूलों पर छोड़ दिया

संस्था ने यह अर्जी उस लंबित जनहित याचिका पर दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि दसवीं बोर्ड के मूल्यांकन की नीति ही गलत है। सरकार ने अंक निर्धारण का जिम्मा स्कूलों पर छोड़ दिया है। बोर्ड भी छात्रों का मूल्यांकन नहीं कर स्कूल मूल्यांकन कर रहे हैं। इससे कमजोर आर्थिक एवं सामाजिक स्तर के छात्रों के साथ भेदभाव होगा।

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