पीएनबी फ्रॉड में फंसे मेहुल चोकसी पर कस सकता है नए बैंकिंग घोटाले का शिकंजा
सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल मेहुल चोकसी की कंपनी को लोन देने में गड़बड़ी की आशंका की पड़ताल की जा रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक को 13000 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ नए बैंकिंग घोटाले में शिकंजा कस सकता है। सीबीआइ मेहुल चोकसी की कंपनी को आइसीआइसीआइ के कंसोर्टियम से मिले 5280 करोड़ रुपये के लोन की पड़ताल कर रही है। अभी तक सीबीआइ ने यह साफ नहीं किया है कि इस मामले में नई एफआइआर दर्ज होगी या फिर पुराने केस के तहत ही इसकी भी जांच की जाएगी।
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और लेटर ऑफ क्रेडिट के मार्फत 13000 करोड़ रुपये को चूना लगाने के मामले की जांच के दौरान आइसीआइसीआइ बैंक से लोन की जानकारी मिली। मेहुल चोकसी के ठिकानों पर मारे गए छापे में इस लोन से संबंधित दस्तावेज मिले थे। लेकिन उस समय सीबीआइ अधिकारियों ने इसपर ध्यान नहीं दिया। लेकिन जब वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूल की कंपनियों को आइसीआइसीआइ से मिले 3400 करोड़ रुपये लोन में गड़बड़ी का पता चला और इसकी प्रारंभिक जांच शुरू हुई तो मेहुल चोकसी को मिले लोन की फाइल भी नए सिरे निकाली गई।
सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल मेहुल चोकसी की कंपनी को लोन देने में गड़बड़ी की आशंका की पड़ताल की जा रही है। यदि इस संबंध में सबूत मिलते हैं तो इसकी औपचारिक जांच की जाएगी। लेकिन उन्होंने यह साफ नहीं किया कि इस मामले में नई एफआइआर दर्ज होगी या नहीं। उनका कहना था कि सबूत मिलने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।
वहीं पुराने मामले में सीबीआइ ने भारतीय बैंकों के विदेशी ब्रांच में काम करने वाले तीन बैंक अधिकारियों से पूछताछ की। पंजाब नेशनल बैंक की ओर से जारी एलओयू को इन्हीं ब्रांचों से भुनाया गया था। सीबीआइ यह जानना चाहती है कि आरबीआइ की ओर से हीरे-जवाहरात में 120 दिन के एलओयू की सीमा तय होने के बावजूद वे लोग पंजाब नेशनल बैंक की ओर जारी एक साल के एलओयू को कैसे स्वीकार कर रहे थे और इस बारे में पंजाब नेशनल बैंक व अपने बैंक के संबंधित अधिकारियों को क्यों नहीं सचेत किया। यदि विदेशी ब्रांच के अधिकारी सचेत करते तो घोटाले को शुरू में ही रोका जा सकता था।