सीबीडीटी ने कहा, 2.26 लाख मुखौटा कंपनियों से टैक्स वसूली के किए जाएंगे प्रयास

कालाधन पर अंकुश लगाने की कोशिशों के तहत पिछले वर्ष सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियों के आरोप में 2.26 लाख से ज्यादा कंपनियों का पंजीकरण रद कर दिया था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 29 Jul 2018 09:58 PM (IST) Updated:Sun, 29 Jul 2018 09:58 PM (IST)
सीबीडीटी ने कहा, 2.26 लाख मुखौटा कंपनियों से टैक्स वसूली के किए जाएंगे प्रयास
सीबीडीटी ने कहा, 2.26 लाख मुखौटा कंपनियों से टैक्स वसूली के किए जाएंगे प्रयास

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को निर्देश दिया है कि वह मुखौटा कंपनियों से कर वसूली से संबंधित सभी मामले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के समक्ष अगस्त के अंत तक दाखिल कर दे।

इस कदम का मकसद गैर-सूचीबद्ध की गई मुखौटा कंपनियों से टैक्स के मद में बकाया करोड़ों रुपये की वसूली करना है। सीबीडीटी ने कार्ययोजना के हिस्से के तौर पर यह निर्देश हाल ही में जारी किया है।

कार्ययोजना में बोर्ड ने कहा है, 'पिछले वर्ष बड़ी संख्या में कंपनियों को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड से बाहर किया गया। इनमें ऐसी बहुत सी कंपनियां हैं, जिनसे बकाया टैक्स की वसूली के लिए आरओसी में उनका पंजीकरण दोबारा बहाल कराना होगा। मूल्यांकन अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे ऐसे मामलों की पहचान करें और 31 अगस्त तक एनसीएलटी के समक्ष याचिकाएं दायर कर दें।'

कालाधन पर अंकुश लगाने की कोशिशों के तहत पिछले वर्ष सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियों के आरोप में 2.26 लाख से ज्यादा कंपनियों का पंजीकरण रद कर दिया था। आने वाले दिनों में करीब ढाई लाख और मुखौटा कंपनियों का पंजीकरण रद करने की तैयारी चल रही है।

सीबीडीटी ने इस वर्ष मई में कर विभाग को इन कंपनियों से संबंधित मामले देशभर में एनसीएलटी की खंडपीठों में दाखिल करने के लिए विशेष दल गठित करने को कहा था। सीबीडीटी का मानना है कि ऐसी कंपनियों से 'वाजिब' राजस्व के तहत ही कर वसूलने के लिए उनका पंजीकरण दोबारा बहाल कराना जरूरी है।

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