100 से ज्यादा लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली नाबालिग को ढूंढे पुलिस: बॉम्बे हाईकोर्ट

वकील अनुजा कपूर का कहना है कि उन दोनों पीड़ितों ने पिछले 6 महीने से उनसे कोई संपर्क नहीं किया है।

By Digpal SinghEdited By: Publish:Thu, 16 Mar 2017 01:31 PM (IST) Updated:Thu, 16 Mar 2017 01:35 PM (IST)
100 से ज्यादा लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली नाबालिग को ढूंढे पुलिस: बॉम्बे हाईकोर्ट
100 से ज्यादा लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली नाबालिग को ढूंढे पुलिस: बॉम्बे हाईकोर्ट

मुंबई। दिल्ली की 24 वर्षीय मॉडल और 16 वर्षीय नेपाली लड़की ने पिछले साल पुणे में बलात्कार और देह व्यापार के धंधे में धकेले जाने का आरोप लगाया था। यह दोनों ही पिछले करीब 6 महीने से गायब चल रही हैं और अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को पुणे पुलिस को उन्हें ढूंढने का आदेश दिया है। नेपाली लड़की ने आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारियों सहित 100 से ज्यादा लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया है।

जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस रेवती डेरे की खंडपीठ ने कहा, 'आरोप बेहद गंभीर हैं और हम पीड़ितों के लिए चिंतित हैं। उन्हें तलाशने के लिए ईमानदार कोशिश करने की जरूरत है।' खंडपीठ दिल्ली की एक वकील अनुजा कपूर की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मामला सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है। अनुजा ने अपनी याचिका में कहा है कि दोनों पीड़ित पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से लापता हैं। उन्होंने आशंका जतायी कि हो सकता है इन दोनों को खत्म कर दिया गया हो, क्योंकि आरोपियों में पुलिसकर्मी भी हैं.
हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को भी फटकार लगाई, क्योंकि पीड़ित लड़की ने जिन पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाए थे, उनमें से दो व्यक्ति अभियोजक से बात करने के लिए कोर्ट में उपस्थित थे। जबकि आरोपी पुलिस अधिकारी कोर्ट में नहीं आ सकते।
जस्टिस डेरे ने कहा, जब पीड़ित के बयान में अधिकारी का नाम दर्ज होता है तो उन्हें कोर्ट में वकील से बात करने का हक नहीं है। पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गंभीर मामला दर्ज है।
हाईकोर्ट ने पुणे के पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि वे 31 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई में डीसीपी रैंक से ऊपर के किसी अधिकारी को भेजें।
दिल्ली की मॉडल के साथ पुणे में बलात्कार का यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब मार्च 2016 में वह दिल्ली के एक अस्पताल में जलने के घावों के साथ भर्ती हुई थी। मॉडल ने बताया कि रोहित भंडारी नाम के शख्स ने उन्हें सोशल मीडिया वेबसाइट के जरिए पुणे बुलाया था। एक्टिंग के ऑफर के लिए मॉडल कथित तौर पर रोहित से मिली, लेकिन जब उसने रोहित के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार किया तो उसे सिगरेट से दागा गया और गैंगरेप किया गया।
मॉडल ने बताया कि रोहित के ही पुणे वाले फ्लैट पर वह दूसरी पीड़ित नाबालिग लड़की से भी मिली, जिसे 2014 में एक ब्यूटी पार्लर में नौकरी देने के झांसे के साथ नेपाल से लाया गया था। नाबालिग लड़की के साथ दो साल से भी ज्यादा वक्त तक बलात्कार किया गया और इस दौरान उसे अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु और भोपाल सहित कई शहरों में ले जाया गया।
यह दोनों किसी तरह से उनके चंगुल से छूट गए और दिल्ली भाग आए, जहां मॉडल रहती थी। 23 मार्च 2016 को इस संबंध में दिल्ली में एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद इस मामले को पुणे के विमानतल पुलिस स्टेशन में ट्रांस्फर किया गया। पुलिस रोहित भंडारी (35), स्वीकृति खरेल (26), हरीश शाहा (25), तपेंद्र साही (23) और रमेश ताकुला (25) को इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।
वकील अनुजा कपूर का कहना है कि उन दोनों पीड़ितों ने पिछले 6 महीने से उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। बता दें कि अप्रैल 2016 में दिल्ली की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने नाबालिग नेपाली लड़की को मॉडल के हवाले कर दिया था।
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