संसद में शहीदों की याद ने सियासी कटुता को सद्भाव में बदला

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखते ही नमस्ते किया तो मोदी ने भी हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 13 Dec 2017 03:36 PM (IST) Updated:Wed, 13 Dec 2017 03:36 PM (IST)
संसद में शहीदों की याद ने सियासी कटुता को सद्भाव में बदला
संसद में शहीदों की याद ने सियासी कटुता को सद्भाव में बदला

नई दिल्ली, जेएनएन। राजनीतिक दलों और खासकर भाजपा एवं कांग्रेस के बीच की कटुता, जो गुजरात चुनाव के चलते और अधिक बढ़ गई थी, बुधवार को तब सद्भाव में तब्दील होती नजर आई जब पक्ष-विपक्ष के नेता संसद पर हमले की बरसी के दौरान शहीदों को सम्मान देने के लिए संसद परिसर में एकत्र हुए।

इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखते ही नमस्ते किया तो मोदी ने भी हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। इसके बाद अभी कल तक तीखे आरोप-प्रत्यारोप में उलझे रहे दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से एक-दूसरे से हाथ मिलाए। इस दौरान सोनिया गांधी और अन्य कांग्रेसी नेता मनमोहन सिंह के ठीक पीछे खड़े थे। इसके बाद राहुल गांधी और रविशंकर प्रसाद एक-दूसरे से हाथ मिलाते दिखे और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से सहजता से बात करते दिखे। राहुल उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से भी मुस्करा कर मिले।

जब भाजपा के बुजुर्ग नेता लालकृष्ण आडवाणी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के आगे आए तो राहुल गांधी उन्हें सहारा देते दिखे। इस दौरान प्रधानमंत्री उनके समक्ष ही खड़े थे। इस अवसर पर नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी का कई बार आमना-सामना अवश्य हुआ, लेकिन दोनों एक-दूसरे मुखातिब होते नहीं नजर आए।

आज से 16 बरस पहले संसद पर हमले के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले जवानों और संसद के कर्मचारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम हर वर्ष 13 दिसंबर को आोयजित होता है, लेकिन यह पहली बार है जब इस दौरान संसद सत्र नहीं चल रहा था। गुजरात चुनाव के चलते इस बार शीतकालीन सत्र आगे बढ़ा दिया गया था। इसे लेकर भी कांग्रेस-भाजपा में एक-दूसरे पर हमले किए गए थे। इसी तरह संसद पर हमले की साजिश में शामिल रहा अफलजल गुरु भी गुजरात चुनाव के दौरान एक मुद्दा बना था।

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