प्रख्यात इतिहासकार बिपन चंद्रा का निधन

नई दिल्ली। भारत के प्रमुख इतिहासकार बिपन चंद्रा का आज 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। आधुनिक भारत के आर्थिक और राजनीतिक इतिहास के विशेषज्ञ चंद्रा का जन्म [1928-2014] हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी में हुआ था। वैसे तो इन्होंने इतिहास से संबंधित कई किताबे लिखी हैं इनमें 'द राइस एंड ग्रोथ ऑफ इकोनॉमिक नेशनलिज्म' सबसे प्रसिद्ध है।

By Edited By: Publish:Sat, 30 Aug 2014 11:40 AM (IST) Updated:Sat, 30 Aug 2014 04:06 PM (IST)
प्रख्यात इतिहासकार बिपन चंद्रा का निधन

नई दिल्ली। भारत के प्रमुख इतिहासकार बिपन चंद्रा का आज 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। आधुनिक भारत के आर्थिक और राजनीतिक इतिहास के विशेषज्ञ चंद्रा का जन्म [1928-2014] हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी में हुआ था। वैसे तो इन्होंने इतिहास से संबंधित कई किताबे लिखी हैं इनमें 'द राइस एंड ग्रोथ ऑफ इकोनॉमिक नेशनलिज्म' सबसे प्रसिद्ध है। 1985 में चंद्रा भारतीय इतिहास कांग्रेस के अनुभागीय अध्यक्ष फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए। वर्ष 2004-2012 के दौरान चंद्रा को नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली के अध्यक्ष का कार्यभार सौंपा गया।

आजादी के बाद भारत में कम्यूनिस्ट संघर्ष में चंद्रा सबसे आगे थे। इन्होंने महान इतिहासकारों आर.एस शर्मा, रोमिला थापर, इरफान हबीब, सतीश चंद्र और अर्जुन देव के साथ भी काम किया। जिनकी किताबें भारतीय स्कूलों में लंबे समय तक पाठ्यक्रम में शामिल रहीं। हालांकि 'आजादी के बाद भारत' और 'स्वतंत्रता के लिए भारत का संघर्ष' के लिए चंद्रा पर कांग्रेस समर्थन इतिहासकार होने का आरोप लगाया गया था। चंद्रा द्वारा लिखी गई कुछ किताबों के नाम इस प्रकार हैं-

1. लोकतंत्र के नाम: जेपी आंदोलन और आपातकाल [नई दिल्ली, 2003]

2. आजादी के बाद भारत [संयुक्त रूप से मृदुला मुखर्जी और आदित्य मुखर्जी], नई दिल्ली [1999]

3. आधुनिक भारत का निर्माण: मा‌र्क्स से गांधी, ओरिएंट ब्लेकवन

4. आधुनिक भारत में सांप्रदायिकता [नई दिल्ली, 1984]

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