Ayodhya Rammandir: राममंदिर निर्माण के इंतजार में उर्मिला की तपस्या भी कम नहीं

छह दिसंबर 1992 को अयोध्या का विवादित ढांचा ढहने के बाद उन्होंने मंदिर निर्माण नहीं होने तक अन्न त्याग का संकल्प लिया था जो अभी भी बरकरार है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 31 Jul 2020 06:15 AM (IST) Updated:Fri, 31 Jul 2020 06:15 AM (IST)
Ayodhya Rammandir: राममंदिर निर्माण के इंतजार में उर्मिला की तपस्या भी कम नहीं
Ayodhya Rammandir: राममंदिर निर्माण के इंतजार में उर्मिला की तपस्या भी कम नहीं

पंकज तिवारी, जबलपुर। अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी एक बुजुर्ग की तपस्या भी पूरी होने वाली है। वे 28 साल से राम नाम का जप करते हुए उपवास कर रही हैं। उनका संकल्प था कि राम मंदिर बनेगा तभी उनका उपवास टूटेगा। संकल्प के तहत उन्होंने अन्न का त्याग कर रखा था। वे फलाहार ले रही हैं। आखिरकार 81 साल की उम्र में उनकी तपस्या पूरी हो रही है। अब वे अयोध्या में ही अन्न ग्रहण करने की बात कर रही हैं। 

अन्न त्यागने वाली 81 साल की महिला का संकल्प होने वाला है पूर्ण 

विजय नगर निवासी उर्मिला चतुर्वेदी की उम्र 81 वर्ष है। उम्र के साथ सुनने और देखने की क्षमता कमजोर हो गई, लेकिन हौसला नहीं। छह दिसंबर 1992 को अयोध्या का विवादित ढांचा ढहने के बाद उन्होंने मंदिर निर्माण नहीं होने तक अन्न त्याग का संकल्प लिया था, जो अभी भी बरकरार है। उस वक्त उर्मिला की उम्र करीब 53 साल थी। शुआत में लोगों ने खूब समझाया और मनाया भी, लेकिन उनका संकल्प अडिग रहा। उनका भोजन फल और दूध ही रहा। 

न्यायाधीशों को लिखी थी चिट्ठी

जब सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्म भूमि के पक्ष में फैसला सुनाया तब उर्मिला चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को फैसले के लिए बधाई संदेश भी भेजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था।

रामनाम का करेंगी जाप

पांच अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में मंदिर की नींव रखेंगे। उस वक्त दिनभर उर्मिला घर पर रामनाम का जाप करेंगी। उन्होंने कहा कि पूजन में शामिल नहीं हो पाने से वे दुखी हैं, लेकिन इसे वे राम की इच्छा मानकर संतोष करती हैं। उनके अनुसार, राममंदिर का भूमिपूजन मेरे पुनर्जन्म जैसा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस अवसर को कोरोना वायरस की बीमारी से जोड़कर अंधविश्वास फैला रहे हैं।

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