'अफजल की फांसी के बाद था भाई की जान को खतरा'

पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत पर साथी कैदियों द्वारा हमला किए जाने से दुखी बहन दलबीर कौर ने खाना पीना छोड़ दिया है। इसकी वजह से उनकी हालत बिगड़ती जा रही है।

By Edited By: Publish:Sat, 27 Apr 2013 08:12 AM (IST) Updated:Sat, 27 Apr 2013 11:43 AM (IST)
'अफजल की फांसी के बाद था भाई की जान को खतरा'

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत पर साथी कैदियों द्वारा हमला किए जाने से दुखी बहन दलबीर कौर ने कहा कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी पर लटकाए जाने के बाद उनके भाई की जान को खतरा था। उन्होंने सरबजीत की सुरक्षा को लेकर कई बार संबधित अधिकारियों से बात की पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अपने आंसुओ को पोछते हुए दलबीर ने बताया -'सरबजीत पर हमले की आशंका मैंने पहले ही जताई थी। हमला सुनियोजित तरीके से किया गया। जब तक मैं अपने भाई से नहीं मिल लेतीं, तब तक अन्न-जल बिल्कुल बंद।' खाना नहीं खाने की वजह से उनकी हालत बिगड़ती जा रही है। उन्होंने कहा-'मैं और मेरे भाई का परिवार तुरंत उससे मिलने पाकिस्तान जाना चाहता है। अफजल की फांसी से नाराज पाकिस्तानी कैदियों ने कई बार सरबजीत को जान से मारने की धमकी दी थी।

मैंने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपील की है कि वे भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को सरबजीत की सुरक्षा कड़ी करने के लिए कहें।' उधर, अंसार बर्नी ट्रस्ट के चेयरमैन व पाकिस्तान के पूर्व मानवाधिकार मंत्री डॉ. अंसार बर्नी ने सरबजीत पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मामले की जांच करवाई जाएगी। उन्होंने सरबजीत के परिवार को तुरंत वीजा देने के लिए पाकिस्तान हुकूमत से बात की है। दूसरी तरफ, सरबजीत पर हमले के विरोध में जमशेदपुर में ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडेरशन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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