अप्रैल फूलः इतिहास में दर्ज मूर्ख बनाने के खास मौके

आज एक अप्रैल है। इस दिन को दुनियाभर में मूर्ख बनाने के दिवस के रूप में भी जाना जाता है। लोग हंसी-मजाक में एक-दूसरे को मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इतिहास के पन्नों में कुछ ऐसी घटनाएं दर्ज हैं, जिसमें सामूहिक रूप से देशवासियों को मूर्ख बनाया गया।

By Sachin kEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2015 08:06 AM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2015 08:56 AM (IST)
अप्रैल फूलः इतिहास में दर्ज मूर्ख बनाने के खास मौके

नई दिल्ली। आज एक अप्रैल है। इस दिन को दुनियाभर में मूर्ख बनाने के दिवस के रूप में भी जाना जाता है। लोग हंसी-मजाक में एक-दूसरे को मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इतिहास के पन्नों में कुछ ऐसी घटनाएं दर्ज हैं, जिसमें सामूहिक रूप से देशवासियों को मूर्ख बनाया गया। कुछ अवसर तो ऐसे आए, जिसमें मीडिया और राष्ट्र के प्रमुख राजनेता तक बुद्घू बन गए। आइए, जानें ऐसे ही कुछ मजेदार वाकये-

शेरों की होगी धुलाई
कब - 1 अप्रैल 1698, टॉवर ऑफ लंदन
क्या
- लोगों को 'वॉशिंग द लायंस ' (शेर की धुलाई) दिखाने के लिए धोखे से टॉवर ऑफ लंदन ले जाया गया था। तब इसकी पारंपरिक घोषणा हुई थी और इस तरह से लोगों को मूर्ख बनाया गया। 19वीं सदी के बीच में 'वॉशिंग द लायंस' का टिकट भी जारी हुआ था।

एक मिनट में होंगे 100 सेकंड
कब- 1 अप्रैल 1975, ऑस्ट्रेलिया
किसने- थिस डे टुनाइट न्यूज कार्यक्रम
क्या
- देश में 'मेट्रिक टाइम' शुरू हो रहा है। इसमें एक मिनट में 100 सेकंड, एक घंटे में 100 मिनट, एक दिन में 20 घंटे होंगे।
नतीजा- उप प्रधानमंत्री देस कोरकोरन ने नई प्रणाली की कर दी सराहना। महज 10 घंटे वाली नई घड़ियां हुई जारी।

कल दुनिया का होगा अंत
कब- 31 मार्च 1940, फिलाडेल्फिया, अमेरिका
किसने- केवाएम रेडियो स्टेशन
क्या- फ्रेंकलिन संस्थान के खगोलविदों ने पुष्टि की है कि दुनिया का अंत कल अपरान्ह तीन बजे होने वाला है। यह अप्रैल फूल जोक नहीं है।
नजीता- अखबार, पुलिस स्टेशन, सूचना कार्यालय में डरे लोग हजारों फोन कॉल करने लगे। फ्रेंकलिन संस्थान ने खबर का खंडन किया।

एक दिन का राजा
कब- 1 अप्रैल 1983, बॉस्टन विश्वविद्यालय, अमेरिका
किसने- जॉसफ बॉस्किन, इतिहासकार
क्या
- चौथी सदी में राजा कोंसटेन्टाइन ने मजाक में कुगेल नामक व्यक्ति को एक दिन का राजा बनाया। कुगेल ने तुरंत फरमान जारी किया कि राज्य में इस दिन सिर्फ मूर्ख लोगों को प्रवेश मिलेगा। इसी तरह इस दिन मूर्ख दिवस मनाया जाने लगा।
नतीजा- सैकड़ों अखबारों ने इस खबर को छापा। लोग इसे सच मानने लगे। आखिर जॉसप कुछ महीनों बाद सामने आए और इसे झूठ करार दिया।

ब्रिटिश पायलट ने फेंका फुस्सी बम
कब
- 1 अप्रैल 1915, लिले हवाईअड्डा, जर्मनी
किसने- एक ब्रिटिश पायलट
क्या
- पायलट ने हवाई अड्डे पर एक विशाल बम फेंका। इसे देख जर्मन सैनिक इलाका छोड़ इधर-उधर फैल गए, लेकिन कोई धमाका नहीं हुआ। सैनिक वापस पहुंचे और देखा कि यह एक फुटबॉल थी, जिसमें लिखा था,' अप्रैल फूल।

1539 में बना पहला अप्रैल फूल

क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले अप्रैल फूल कौन बना या किसने किसे बनाया शायद नहीं? दरअसल, 1 अप्रैल और मूर्खता के बीच सबसे पहला दर्ज संबंध तब आता है, जब 1539 में फ्लेमिश कवि 'एडुअर्ड डि डेने' ने एक अमीर आदमी के बारे में लिखा, जिसने 1 अप्रैल को अपने नौकरों को मूर्खतापूर्ण कार्यों के लिए भेजा था।

यह भी गजब
भारत-पाक मैच था फिक्स!
ट्विटर, फेसबुक और वाट्सएप पर ऐसे मैसेज प्रसारित हो रहे थे, जिसमें कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान का लीग मैच फिक्स था। धोनी की एक बुकी से बातचीत की एमपी3 रिकॉर्डिंग की लिंक भी साथ में थी। एमपी3 डाउनलोड करने पर पता चलता है कि उसमें अप्रैल फूल फिल्म का टाइटल सॉन्ग था।

गूगल नोज- कंप्यूटर से आएगी सुगंध
गूगल ने होमपेज पर एक लिंक बनाया, जिस पर लिखा था गूगल नोज। इसमें दावा किया गया कि यूजर्स जिस चीज की महक का अहसास लेना चाहेंगे, ले सकेंगे। इसे क्लिक करने पर एक मैसेज आया- रुकिए ये मजाक है, कहीं आप अपनी कंप्यूटर स्क्रीन को तो नहीं सूंघने लगे।

बंद हो रहा है यू-ट्यूब
यू-ट्यूब ने 31 मार्च 2013 को ऐलान किया था एक अप्रैल से वेबसाइट बंद हो जाएगी। वेबसाइट पर उन्होंने एक पैनल बनाया है, जो अगले दस साल में अब तक अपलोड किए हजारों वीडियो में से सर्वश्रेष्ठ का चुनाव करेंगे। जिसका परिणाम 2023 में घोषित होगा।

इसलिए भी रखा जाएगा 1 अप्रैल को याद

1. गूगल ने इसी दिन 2014 को जीमेल शुरू किया।
2. एपल कंप्यूटर की खोज 1 अप्रैल 1976 में हुई।
3. 1936 में ओडिशा ने ब्रिटिश भारत के एक प्रांत का किया था गठन
4. 2002 में इच्छामृृत्यु को वैध करने वाला नीदरलैंड बना था पहला देश

जब अप्रैल फूल समझना पड़ा महंगा
- 31 मार्च 1946 को हवाई व एलेउटियन क्षेत्र में सुनामी की आधिकारिक चेतावनी जारी की गई थी। कई लोग इसे अप्रैल फूल समझ बैठे और सावधानी नहीं बरती। अगले दिन सुनामी ने जोरदार दस्तक दी, जिसमें 165 लोगों की मौत हो गई थी।
- 1979 में ईरान ने एक अप्रैल को राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस मनाने की घोषणा की। दर्जनों साल तक लोग इसे मजाक समझते रहे।
- एक अप्रैल 1984 को अमेरिका के प्रसिद्ध गायक मर्विन गए की उनके पिता ने हत्या कर दी थी। लोगों को लगा कि उन्हें अप्रैल फूल बनाया गया है।

साभारः नई दुनिया

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