मध्यप्रदेश में किराया न बढ़ाने को लेकर नाराज बस मालिकों ने दी राज्यव्यापी हड़ताल पर जाने की धमकी

बस मालिकों का कहना है डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। बसों के टायर व अन्य उपकरण महंगे हो गए हैं। 200 किमी मार्ग पर बस संचालित करने में रोजाना चार से पांच हजार रुपये का घाटा हो रहा है। किराया नहीं बढ़ा तो हड़ताल जरूर करेंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 10:11 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 10:11 PM (IST)
मध्यप्रदेश में किराया न बढ़ाने को लेकर नाराज बस मालिकों ने दी राज्यव्यापी हड़ताल पर जाने की धमकी
परिवहन मंत्री राजपूत के आश्वासन के बाद भी नहीं बढ़ाया गया किराया।

भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्यप्रदेश में संचालित 35 हजार बसों का संचालन बंद करने की फिर तैयारी की जा रही है। 25 फरवरी को परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की ओर से बसों का किराया बढ़ाने का आश्वासन दिया गया था। इसके बाद बस एसोसिएशनों ने 26-27 फरवरी को प्रदेश भर में होने वाली हड़ताल स्थगित कर दी थी। मंत्री के आश्वासन के एक सप्ताह बाद भी किराया नहीं बढ़ाया गया। इससे नाराज बस मालिकों ने फिर से हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है। बस मालिक जल्द ही इसका फैसला कर सकते हैं।

इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर में संचालन बंद करने की तैयारी

मप्र प्राइम रूट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया इंदौर, उज्जैन, धार, खंडवा, खरगोन, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल सहित प्रदेश के अन्य जिलों के बस मालिकों की यूनियनों से बात चल रही है।

50 फीसद किराया बढ़ाने को लेकर सहमति बन गई थी, लेकिन सरकार ने नहीं दी हरी झंडी

बस मालिकों का कहना है जब बीते 18 सितंबर को मंत्रालय में यात्री बसों का किराया बोर्ड बैठक हो चुकी है, इसमें 50 फीसद किराया बढ़ाने को लेकर सहमति भी बन गई थी तो फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत किराया बढ़ाने को लेकर हरी झंडी क्यों नहीं दे रहे हैं?

परिवहन मंत्री के आश्वासन से पहले हड़ताल स्थगित कर दी थी

परिवहन मंत्री के आश्वासन से पहले हड़ताल स्थगित कर दी थी। अब कुछ दिन ही इंतजार करेंगे। सभी बस मालिक एक-दूसरे से संपर्क में हैं। जल्द किराया नहीं ब़़ढा तो बसों का संचालन बंद करने का फैसला ले सकते हैं।

डीजल के दाम बढ़ते जा रहे, टायर व अन्य उपकरण महंगे हो गए

बस मालिकों का कहना है डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। बसों के टायर व अन्य उपकरण महंगे हो गए हैं। 200 किमी मार्ग पर एक 32 सीटर बस संचालित करने में रोजाना चार से पांच हजार रुपये का घाटा हो रहा है। ऐसे में किराया नहीं बढ़ा तो हड़ताल जरूर करेंगे।

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