वायुसेना प्रमुख बोले- चीन से मिल रही चुनौतियों के चलते आत्मनिर्भरता मौजूदा वक्त की सामरिक जरूरत

आत्मनिर्भरता को मौजूदा वक्त की सामरिक जरूरत बताते हुए वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को कहा कि एयरोस्पेस क्षेत्र में जितनी संभावनाएं हैं उतनी किसी भी अन्य शस्त्र प्रणाली में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 10:47 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 11:18 PM (IST)
वायुसेना प्रमुख बोले- चीन से मिल रही चुनौतियों के चलते आत्मनिर्भरता मौजूदा वक्त की सामरिक जरूरत
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को कहा कि आत्मनिर्भरता हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेगी।

नई दिल्ली, एएनआइ। आत्मनिर्भरता को मौजूदा वक्त की सामरिक जरूरत बताते हुए वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को कहा कि एयरोस्पेस क्षेत्र में जितनी संभावनाएं हैं, उतनी किसी भी अन्य शस्त्र प्रणाली में नहीं हैं। एयरोस्पेस क्षेत्र को क्रियाशील बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेगी।

चीफ आफ एयर स्टाफ ने राष्ट्रीय राजधानी में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि एयरोस्पेस क्षेत्र काफी समय लेता है और इसके लिए बड़े बजट की जरूरत होती है। लेकिन, आत्मनिर्भर होने के बाद इस क्षेत्र में रिटर्न भी सबसे ज्यादा है। भदौरिया ने चीन से मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर वायुसेना को और मजबूती देने के लिए समान क्षमताओं के विकास की जरूरत पर भी बात की। उन्होंने कहा, 'उत्तरी पड़ोसी को देखते हुए हमें अपने पास आला दर्जे की प्रौद्योगिकी रखनी होगी, जिसका विकास भी सुरक्षा कारणों से अपने देश में ही करना होगा।'

प्रेट्र के अनुसार, सोसाइटी आफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआइडीएम) व सेंटर फार एयर पावर स्टडीज (सीएपीएस) की संगोष्ठी में भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना आगामी दो दशकों में स्वदेश में विकसित करीब 350 विमानों की खरीद पर विचार कर रही है। इनमें 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस शामिल हैं। रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर बल देते हुए भदौरिया ने कहा कि वायुसेना घरेलू उद्योगों के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि तेजस के निर्माण ने विश्वास पैदा किया है कि हम किसी भी परियोजना में सफलता के झंडे गाड़ सकते हैं। एडवांस मल्टी-रोल कांबैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) परियोजना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसकी तैयारियां काफी आगे बढ़ चुकी हैं। इससे वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने फरवरी में हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड के साथ 83 तेजस विमानों की खरीद के लिए 48 हजार करोड़ रुपये का समझौता किया है। 

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