फिर लौटेगा अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट का दौर

केंद्र सरकार एक बार फिर अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट को आजमाने जा रही है। अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट (यूएमपीपी) के प्रति निजी क्षेत्र में नए सिरे से जोश भरने के लिए सरकार उनके समक्ष कुछ और लुभावनी पेशकश करेगी।

By manoj yadavEdited By: Publish:Tue, 20 Jan 2015 08:48 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jan 2015 08:55 PM (IST)
फिर लौटेगा अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट का दौर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार एक बार फिर अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट को आजमाने जा रही है। अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट (यूएमपीपी) के प्रति निजी क्षेत्र में नए सिरे से जोश भरने के लिए सरकार उनके समक्ष कुछ और लुभावनी पेशकश करेगी।

निविदा प्रपत्र तैयार करने के लिए बिजली मंत्रालय ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। सरकार की साल भर के भीतर चार-पांच यूएमपीपी स्थापित करने का ठेका निजी क्षेत्र को देने की मंशा है। ये यूएमपीपी आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में लगाये जाएंगे।

पूर्व सतर्कता आयुक्त प्रत्यूष सिन्हा की अध्यक्षा में चार सदस्यीय समिति बनाई गई है। यह देश में यूएमपीपी को नए सिरे से आकर्षक बनाने की कोशिश करेगी। समिति की पहली बैठक इसी हफ्ते गुरुवार को होनी तय है। बिजली मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि भारत में आठ से नौ नए यूएमपीपी के लिए संभावनाएं हैं। सरकार की कोशिश है कि अभी चार से पांच नए अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट का ठेका अभी दिया जाए।

उन्होंने विश्वास जताया कि निजी क्षेत्र यूएमपीपी को आकर्षक मानकर इसमें निवेश के लिए आगे आएगा। सरकार ने तमिलनाडु और ओडिशा में दो ऐसे प्लांट लगाने के लिए कंपनियों से निविदाएं मंगवाई थी, लेकिन किसी भी निजी कंपनी ने अंतिम तौर पर इसमें खास रुचि नहीं दिखाई। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों- एनटीपीसी और एनएचपीसी की बोली को सरकार ने खास तवज्जो नहीं दी। इसकी पूरी प्रक्रिया को हाल ही में निरस्त कर दिया गया।

भारत सरकार ने आठ वर्ष पहले देश में आठ नए यूएमपीपी लगाने की योजना बनाई थी। हर एक यूएमपीपी की क्षमता 4,000 मेगावॉट या इससे ज्यादा की होती है। अधिक क्षमता होने की वजह से माना गया था कि इनसे उत्पादित बिजली की लागत महज दो से तीन रुपये प्रति यूनिट आएगी। मुंद्रा में टाटा पावर की तरफ से लगाया गया यूएमपीपी पूरी तरह से काम भी कर रहा है।

रिलायंस पावर के सासन (मध्य प्रदेश) स्थिति यूएमपीपी की पांच यूनिटों (हर एक की क्षमता 660 मेगावॉट) में बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है। मगर इन दो यूएमपीपी के अलावा अन्य सभी परियोजनाओं की रफ्तार काफी धीमी है। अब केंद्र सरकार फिर से इन्हें रास्ते पर लाने की कोशिश कर रही है।

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