शांति स्थापित करने के लिए सुरक्षाबलों को अतिरिक्त शक्ति देता है AFSPA

सशस्त्र बल किसी ऐसे घर को ध्वस्त भी कर सकते हैं जहां से कोई हमला हो रहा हो या ऐसी कोई आशंका हो। अफस्पा सुरक्षाकर्मियों को केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना किसी कानूनी कार्यवाही से भी बचाता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 03:44 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 03:54 PM (IST)
शांति स्थापित करने के लिए सुरक्षाबलों को अतिरिक्त शक्ति देता है AFSPA
अफस्पा क्या है और इसे क्यों लागू किया गया है?

नई दिल्‍ली, जेएनएन। नगालैंड में सुरक्षाबलों के हाथों गलती से 13 नागरिकों के मारे जाने के बाद पूर्वोत्तर में फिर अफस्पा वापस लेने की आवाज उठने लगी है। मेघालय और नगालैंड के मुख्यमंत्रियों ने भी अफस्पा खत्म करने की मांग की है। राज्य पुलिस ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए 21वें पैरा स्पेशल फोर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया। तिजित पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में हत्या, हत्या का प्रयास और आपराधिक कार्य के आरोप लगाए गए हैं। वहीं, बहुत से सुरक्षा विशेषज्ञ इस कानून को शांति स्थापना के लिए आवश्यक मानते हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि अफस्पा क्या है और इसे क्यों लागू किया गया है?

63 साल पहले हुआ लागू : पूर्वोत्तर राज्यों असम और मणिपुर में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से संसद ने 1958 में आम्र्ड फोर्सेज (स्पेशल पावर्स) एक्ट लागू करने का निर्णय लिया था। दो दशक बाद इसे पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में प्रभावी कर दिया गया था। फिलहाल यह नगालैंड, असम और मणिपुर में प्रभावी है। अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में भी इसे लागू किया गया है।

संदेह होने पर बिना वारंट गिरफ्तारी और बल प्रयोग का मिलता है अधिकार : इस कानून के तहत जब सरकार किसी हिस्से को अशांत घोषित करती है, तो अफस्पा के तहत सशस्त्र बलों में एक निश्चित रैंक से ऊपर के अधिकारियों को चेतावनी के बाद बल प्रयोग का अधिकार है। इसमें संदेह के आधार पर बिना वारंट गिरफ्तार करने और किसी जगह छापा मारने का भी अधिकार दिया गया है। सशस्त्र बल किसी ऐसे घर को ध्वस्त भी कर सकते हैं, जहां से कोई हमला हो रहा हो या ऐसी कोई आशंका हो। अफस्पा सुरक्षाकर्मियों को केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना किसी कानूनी कार्यवाही से भी बचाता है।

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