एप से संचालित होगा वेंटिलेटर, कम कीमत में तैयार किया गया ‘जीवन लाइट’
‘जीवन लाइट’ नामक इस वेंटिलेटर से स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा क्योंकि इसे एक एप से संचालित किया जा सकता है।
नई दिल्ली [अंशु सिंह]। आइआइटी हैदराबाद के सेंटर फॉर हेल्थकेयर एंटरप्रेन्योरशिप में इंक्यूबेट किए गए स्टार्ट अप ‘एयरोबायोसिस इनोवेशंस’ ने कम कीमत वाला पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किया है। ‘जीवन लाइट’ नामक इस वेंटिलेटर से स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा, क्योंकि इसे एक एप से संचालित किया जा सकता है। जहां बिजली की पर्याप्त आपूर्ति है, वहां इसे बैट्री से भी चलाया जा सकता है।
देश-दुनिया में फैली महामारी से लड़ने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों से लेकर शोध संस्थानों तक में हर तरह की कोशिशें जारी हैं। इसी कड़ी में एयरोबायोसिस के सह-संस्थापकों राजेश थंगावेल एवं साइरिल एंटनी ने जीवन लाइट नाम से एक वेंटिलेटर विकसित किया है। इसका हैदाराबाद स्थित टर्शियरी केयर अस्पताल में क्लीनिकल परीक्षण भी किया जा चुका है। राजेश बताते हैं कि वे कोशिश कर रहे हैं कि आने वाले तीन से चार महीने में अपने इंडस्ट्रियल पार्टनर की मदद से प्रति दिन 50 से 60 यूनिट वेंटिलेटर्स का निर्माण किया जा सके, ताकि एक लाख लोगों तक इस वेंटिलेटर का फायदा पहुंच सके।
बुजुर्गों-बच्चों के लिए फायदेमंद
राजेश बताते हैं कि जिन मरीजों को कनवेंशनल वेंटिलेटर पर रखा जाता है, उनमें अलव्यूलर डैमेज एवं ऑक्सीजन टॉक्सिटी का खतरा होता है। अपनी फेलोशिप के दौरान हमने देशभर के मरीजों, अस्पताल प्रबंधकों एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बात कर इस समस्या को जानने-समझने की कोशिश की। फिर इस समस्या के समाधान के रूप में हमने स्मार्ट, हाइब्रिड वेंटिलेटर डेवलप करने का फैसला लिया। जैसा कि सभी जानते हैं कि कोविड 19 का सबसे अधिक खतरा बुजुर्गों औऱ बच्चों को है। इसके अलावा, हृदय रोग, डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों में भी इसके संक्रमण का खतरा अधिक होता है। आइआइटी हैदराबाद के निदेशक, प्रो बीएस मूर्ति बताते हैं कि वेंटिलेटर की सबसे अधिक जरूरत बुजुर्ग एवं उम्रदराज मरीजों को पड़ती है। इसलिए इसका डिजाइन औऱ फीचर स्वास्थ्य मंत्रालय, डायरेक्टर जनरल लाइफ साइंसेज, डीआरडीओ, चेयरमैन टेक्निकल कमेटी एवं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्स (आइसीएमआऱ) की जरूरतों के अनुरूप तैयार किए गए हैं। इन वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल इनवेजिव एवं नॉन इनवेजिव दोनों प्रकार से किया जा सकता है। बुजुर्गों के अलावा बाल मरीजों के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। अगर बिजली आपूर्ति बाधित होती है, तो इसकी बैट्री पांच घंटे तक चल सकती है।
रिमोट मॉनिटरिंग की सुविधा से लैस वेंटिलेटर
सेंटर फॉर हेल्थकेयर एंटरप्रेन्योरशिप की फैकल्टी को-हेड एवं आइआइटी हैदराबाद की बायोमेडिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की हेड प्रो. रेनू जॉन ने बताया कि जीवन लाइट में कई आकर्षक फीचर्स हैं। जैसे इसमें वायरलेस कनेक्टिविटी एवं रिमोट मॉनिटरिंग की सुविधा है। इसके अलावा, इसे मोबाइल एप से भी संचालित किया जा सकता है, जिससे मरीज औऱ स्वास्थ्यकर्मी दोनों की सुरक्षा संभव है। फिलहाल इसकी कीमत एक लाख रुपये रखी गई है, जो बाजार में उपलब्ध वेंटिलेटर्स से काफी कम है।