पीएम की राज्‍यपालों को सलाह : केंद्र की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाएं

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपालों को आम लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी है।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Mon, 04 Jun 2018 09:38 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jun 2018 10:19 PM (IST)
पीएम की राज्‍यपालों को सलाह : केंद्र की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाएं
पीएम की राज्‍यपालों को सलाह : केंद्र की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाएं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपालों को आम लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी है। राष्ट्रपति ने जहां राज्यपालों से विकास की धारा से वंचित हाशिये पर खड़े लोंगों की उच्च शिक्षा के लिए पहल करने को कहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपालों से केंद्रीय योजनाओं का अधिकतम लाभ जनता को मिले यह सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी है।

राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के 49वें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान कोविंद और मोदी ने राज्यों के शीर्ष संवैधानिक पद की विकास का लक्ष्य हासिल करने में सकारात्मक भूमिका की जरूरत बताई। पीएम मोदी ने संघीय ढांचे में राज्यपालों के अहम रोल की याद दिलाते हुए कहा कि वे अपने व्यापक अनुभव के सहारे सुनिश्चित कर सकते हैं कि केंद्रीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आमजन को मिले।

पीएम मोदी ने खासतौर पर आदिवासी बहुल राज्यों में विकास की दौड़ में पीछे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए राज्यपालों की खास भूमिका पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि शिक्षा, आर्थिक-वित्तीय समावेशन और खेल जैसे क्षेत्रों में राज्यपालों की सक्रियता से इन वर्गो की जिंदगी में प्रगतिशील बदलाव लाया जा सकता है।

केंद्र के हर गांव तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य से हुए बदलाव से रुबरू होने के लिए पीएम ने राज्यपालों को अपने सूबों के उन गावों का दौरा करने की भी सलाह दी जहां अभी-अभी बिजली पहुंची है। राष्ट्रीय पोषण मिशन, ग्रामीण इलेक्‍ट्रीफि‍केशन और विकास की आकांक्षा वाले जिलों की जरूरतों को विकास का मानक बताया। राज्यपालों के राज्यों के विश्वविद्यालय का कुलाधिपति होने की याद दिलाते हुए उन्हें सूबे के शैक्षणिक विकास का मानक बढ़ाने में योगदान करने की बात कही। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह में छात्र युवाओं की अधिक भागीदारी के लिए पहल करने की सलाह दी। साथ ही पीएम ने 21 जून को विश्व योग दिवस के मौके को युवाओं में योग को लेकर जागरूकता बढ़ाने को कहा।

केंद्र सरकार के ग्राम स्वराज अभियान की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि विकास से जुड़ी सात योजनाओं को 14 अप्रैल से शुरू हुए पहले चरण में 16000 गांवों में लागू कर दिया गया है। अब 15 अगस्त तक 65000 गांवों तक इस स्कीम को पहुंचाया जाएगा। मोदी ने भविष्य में राज्यपालों के इस सम्मेलन को अधिक सकारात्मक नतीजे देने वाले सम्मेलन के रुप में फोकस करने पर भी जोर दिया।

राष्ट्रपति कोविंद ने इससे पहले सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल संघीय ढांचे में राज्य सरकार के लिए संरक्षक और मार्गदशक होते हैं। इसीलिए जनता राज्यपालों व राजभवन को मूल्यों और आदर्श के प्रतीक के रूप में देखती है। ऐसे में राज्यपालों को लोगों के जीवन में उन्नति के लिए बदलाव के वाहक की भूमिका निभानी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश में करीब 10 करोड की आबादी आदिवासी समुदाय की है और राज्यपालों को विकास के रास्ते में पीछे छूटे इन वर्गों को साधन संपन्न बनाने में खास भूमिका निभानी चाहिए। कोविंद ने कहा कि राज्यपाल बखूबी लोगों की जिंदगी में बेहतरी लाने के इस लक्ष्य में योगदान कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने राज्यपालों से सूबों की शिक्षा और खासतौर पर उच्च शिक्षा की स्थिति सुधारने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति से लेकर संसाधन की कमी को दूर करने में तत्परता दिखाने को कहा। छात्रों के नामांकन से लेकर परीक्षाएं समय पर कराने और इसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

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