पीएम मोदी के नाम किसान का खुला पत्र

मोदी सरकार पर उनके किए वादे पर खरा नहीं उतरने, लोगों को झूठे सपने दिखाने और सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने पीएम मोदी के नाम एक किसान का खुला पत्र व्हाट्स एप पर चला रही है। इसे कांग्रेस का मोदी सरकार पर करारा हमला कहा

By Sudhir JhaEdited By: Publish:Sun, 19 Apr 2015 12:03 PM (IST) Updated:Sun, 19 Apr 2015 12:36 PM (IST)
पीएम मोदी के नाम किसान का खुला पत्र

नई दिल्ली। मोदी सरकार पर उनके किए वादे पर खरा नहीं उतरने, लोगों को झूठे सपने दिखाने और सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने पीएम मोदी के नाम एक किसान का खुला पत्र व्हाट्स एप पर चला रही है। इसे कांग्रेस का मोदी सरकार पर करारा हमला कहा जा सकता है। कांग्रेस अपनी खोई सियासी जमीन फिर से हासिल करने में जुट गई है। पेश है पीएम मोदी के नाम किसान का पत्रः---

प्रिय मोदी जी
ये आपको क्या हो गया है?
चुनाव के पहले और चुनाव के बाद आपकी स्थिति तो सस्ते अखबार में आने वाले शादी के पहले और शादी के बाद वाले विज्ञापन जैसी हो गयी है। कहां वो मोदी थे जो अपने भाषणों में मां- बेटे की सरकार पर हमला बोलते थकते नहीं थे।
कहां यह मोदी हैं जहां चहुंओर से खुद उनकी सरकार पर हमले किये जा रहे हैं और वो खामोश हैं। हमने तो जिस मोदी को देखा था वो अपने भाषणों में ताल ठोककर कहता था कि 100 दिन के लिए सत्ता दे दो, काला धन वापस न आये तो मुझको फांसी दे दो।
प्रिय मोदी जी हमको बताइये कि हम रस्सी का आर्डर कहां दें और किसको दें? आपके अंबानी को या आपके अडानी को?
चुनाव पूर्व भाषणों में आप कहते थे की काले धन का पंद्रह पंद्रह लाख सबके खाते में आएगा.... पड़ोसी ने आपकी बातों में आकर बेटी की शादी के लिए बचाया धन बाजार में लगा दिया और अब आपके हम्प्टी डंपटी का कहना है की वो 15 लाख वाली बात तो महज़ सियासी जुमला थी !
मोदी जी... आम आदमी के साथ इत्ता बड़ा ब्लंडर तो आम अमरुद पार्टी वालों ने भी नही किया था जैसे आप कर रहे हो।
बहुत हुआ बेटी पर वार...अबकी बार मोदी सरकार..हमने जोश में आकर इस नारे पर भरोसा कर लिया था मोदीजी... अभी आपकी सरकार को सौ दिन भी नही हुए थे कि मुम्बई में एक महिला रिपोर्टर को कुछ भेड़िये खिंच कर ले गए अपनी मांद में उसका शिकार करने... आपकी नाक के नीचे दिल्ली में बलात्कार होता रहा और आपका चुनावी जुमला हमारे कानों पर सांप बनकर लोटता रहा मोदीजी,उधर से आपके बड़के अब्बा कह रहे हैं की रेप भारत में नही इंडिया में होता है...हम कहां जाएं अपनी मां बहन को लेकर मोदीजी...भारत का पता कहां मिलेगा?
मैं देश नहीं बिकने दूंगा...साहब कैसे नही बिकने देंगे? कभी एफडीआई पर संसद में हंगामा करने वाली आपकी पार्टी सत्ता में आते के साथ ही हर सरकारी सेक्टर में एफडीआई की हिमायत करने लगी... वो भी बिना चर्चा के सीधे अध्यादेश के माध्यम से रेलवे का निजीकरण करने जा रहे हो मोदीजी....अडानियों का क़र्ज़ माफ़ हो रहा है... किसानों की खुदकुशी बढ़ती जा रही है।
आपके ब्रांड अम्बेसडर थे एक बाबा , आंख मार मारकर पूरे देश को उल्लू बना गए वो मोदीजी.... पेट्रोल की कीमत आधी करने को कहा था... अरे आपसे अच्छा तो वो गूंगा मन्नू था मोदीजी... जो 145 डॉलर प्रति बैरल तेल को यहां आपसे सस्ते में बेचता था..अब 50-60 प्रति बैरल को आप उससे ज़्यादा में बेच रहे हो मोदीजी...कहां गया महंगाई कम करने का लोला आपका , बाइक घर पे ताला लगाकर खड़ी करदी है मोदीजी ।
जिन आर्थिक नीतियों के चलते आपकी पार्टी के प्रवक्ता देश को बर्बाद कर देने का आरोप लगाया करते थे उन्ही नीतियों को बड़े प्यार से पॉलिश करके आगे बढ़ा रहे हो आप...बड़े सयाने हो... खाली खज़ाना छोड़ कर गयी थी कांग्रेस... उस खाली ख़ज़ाने में से भूटान नेपाल को हज़ारों करोड़ दे गए जादूगर मोदीजी.... ऐसा जादू देश की महंगाई कम करने में दिखाओ न प्यारे।
कैसा भोला सा मुंह बनाकर आये थे तुम , कहा था अच्छे दिन आने वाले हैं... कैसे अच्छे दिन , कहाँ के अच्छे दिन.... यहां तो ससुरा जो कुछ अच्छा था वो भी आपकी असीम अनुकम्पा से कचरा हुई गवा... जो सब्ज़ी 10 रुपये किलो मिलती थी आज वही 30 के भाव मिल रही है मोदीजी.... कब आएंगे अच्छे दिन।
आपने कहा था आप तरक़्क़ी लाएंगे... हमने आपका नाम हिंदी में विकास के पापा और उर्दू में तरक़्क़ी के अब्बा रख दिया .... लेकिन ये क्या... नौ महीने पूरे होते ही आपने विकास की जगह ये फूटे भाग वाला नसीब जन दिया... अब हम गरीब लोग अपना फूटा नसीब लेकर कहां जाएं मोदीजी....
नसीब से याद आया... एक तो आपकी चलहत्तरबाजियों से मन उदास था ही...तिस पर आसमान को भी हम पर तरस ना आया.... हुमक के बिन मौसम बरसात हो ग मोदीजी... सारा खड़ा गेंहू लेट गया.... अब हम किसान क्या करें... हम भी किसी क़ब्र में लेट जायेंगे.... क्योंकि क़र्ज़ तो हमने चुकाना ही है ना मोदीजी... हम क़र्ज़ नहीं चुकाएंगे....ब्याज नहीं देंगे तो अडानी को जो झव्वा भर आपने सब्सिडी देनी है उस का जुगाड़ कैसे होगा... अगले चुनाव के लिए चंदे का जुगाड़ कैसे होगा ....
अच्छा अब आपके बैंक वाले एजेंट घर पर आते होंगे मोदीजी... हम अब दरवाज़ा अंदर से बंद कर रहे हैं , बीवी बच्चे सो गए हैं मोदीजी... ये सुबह उठ जायेंगे...मैं भी सोने जा रहा हूँ...लेकिन मैं अब न उठ सकूँगा मोदीजी... मुझे माफ़ कर दीजिएगा...मैं आपके अडानी के लिए सब्सिडी का जुगाड़ न कर सका...मेरी फसल बारिश ने बर्बाद कर दी है....अगले जन्म में मनुष्य योनि मिली तो मैं फिर से आपका उजरती गुलाम बनकर ये क़र्ज़ भी चुका दूंगा...अच्छा अब इजाज़त दीजिए...फंदा तैयार हो चुका है मोदीजी....
आपका अपना
"किसान"

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