आधार नहीं होने पर 78 वर्षीय वृद्ध महिला को महाराष्ट्र में सरकारी बस से उतारा

वृद्धा केशरबेन के बेटे केतन ने बताया, यह घटना 20 सितंबर को औरंगाबाद से कल्याण की यात्रा के दौरान हुई।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 10:06 PM (IST) Updated:Thu, 27 Sep 2018 11:35 AM (IST)
आधार नहीं होने पर 78 वर्षीय वृद्ध महिला को महाराष्ट्र में सरकारी बस से उतारा
आधार नहीं होने पर 78 वर्षीय वृद्ध महिला को महाराष्ट्र में सरकारी बस से उतारा

मिड डे, मुंबई। सीनियर सिटीजन कार्ड को समर्थन देने के लिए आधार या पैन कार्ड नहीं होने के कारण एक 78 वर्षीया वृद्ध महिला को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन कारपोरेशन की बस से उतार दिया गया। महाराष्ट्र सरकार ने सीनियर सिटीजन कार्ड जारी किया है। वृद्ध महिला के परिवार ने बस डीपो प्रबंधक और एमएसआरटीसी के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की है। परिवार का कहना है कि किसी ने भी मामले में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई है।

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और महाराष्ट्र सड़क परिवहन कारपोरेशन (एमएसआरटीसी) के अध्यक्ष दिवाकर राओटे ने बताया कि वह इस मामले को देखेंगे। जब उनके कार्यालय तक शिकायत पहुंचेगी तो वह ब्योरे की जांच करेंगे।

वृद्धा केशरबेन के बेटे केतन ने बताया, 'यह घटना 20 सितंबर को औरंगाबाद से कल्याण की यात्रा के दौरान हुई। हम राज्य परिहन की बस में सवार हुए और बस कंडक्टर एसआर गायकवाड़ ने मेरी मां केशरबेन शामजी धारोद से सीनियर सिटीजन होने का प्रमाणपत्र मांगा। हमने महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी सीनियर सिटीजन प्रमाणपत्र उन्हें दिया। कंडक्टर ने आइडी कार्ड दिखाने पर जोर देते हुए आधार या पैन कार्ड मांगा। पास में नहीं होने के कारण कंडक्टर ने बस से उतार दिया।' केशरबेन की पुत्रवधू शिल्पा धारोद ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

शिल्पा ने कहा, 'बस औरंगाबाद से चली थी और कंडक्टर ने हमसे कहा कि यदि हमारे पास दस्तावेज नहीं है तो बस से उतर जाएं। बस सिर्फ एक या दो स्टाप से आगे बढ़ पाई थी। बस में देरी होने के कारण दूसरे यात्री हल्ला मचाने लगे इसके बाद कंडक्टर ने कहा कि जबतक हम बस से उतर नहीं जाते तबतक बस आगे नहीं बढ़ेगी। आगे कुछ कहने की जगह हम बस से उतर गए और दूसरी बस से कल्याण पहुंचे। लेकिन हमारे परिवार के साथ जो कुछ हुआ वह अन्याय है और हम अधिकारियों से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।'

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