छत्तीसगढ़: नक्सलियों द्वारा किए हमलों में पिछले 13 वर्षों में शहीद हुए 47 सुरक्षाकर्मी
एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2005 के बाद से छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमलों में 47 सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं।
रायपुर (एएनआई/जेएनएन)। वर्ष 2005 के बाद से छत्तीसगढ़ के नक्सल-प्रभावित क्षेत्र बस्तर में 47 सुरक्षा कर्मियों को अपनी जान गवांनी पड़ी है। आंकड़ों की माने तो वर्ष 2005 के बाद बारूदी सुरंग के जरिए लगभग 10 हमले किए गए और इसी तरह के कई अन्य हमलों में 47 जवान शहीद हुए, जबकि 42 जवान इस तरह की घटनाओं में घायल हुए। विशेषज्ञों की माने तो नक्सलियों को बारूदी सुरंग से विस्फोट करने में महारत हासिल है।
वर्ष 2017-18 में 6 अप्रैल 2017 तक सीआरपीएफ ने कुल 459 किलो बारूद बरामद किया। अफसरों का कहना है कि इतना बारूद किसी बड़ी सेना को उड़ाने के लिए भी काफी है। हालांकि जवान इसका भी हल निकालने में जुटे हैं। किसी भी रास्ते पर चलने से पहले मेटल डिटेक्टर की मदद से जमीन, पेड़ों के आसपास या पुलों के किनारे जांच करते हैं। बस्तर में फोर्स लगभग हर दिन एक-दो बारूदी सुरंग बरामद करती है। इसके बावजूद इन सुरंगों का खतरा बना हुआ है। जहां फोर्स की नजर नहीं पड़ती, वहां नक्सली सफल हो जाते हैं और फोर्स को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
2005 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित गंगालूर रोड पर नक्लियों द्वारा किए गए एंटी-लैंडमाइन वाहन के ब्लास्ट किया जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 23 जवान शहीद हुए थे और तीन जवान घायल हुए थे। 10 जून, 2011 में दंतेवाड़ा जिले के केटकल्याण में नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में 10 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इसी तरह अप्रैल 2015 में भी दंतेवाड़ा के किरनदुल क्षेत्र में हुए हमले में 5 जवान शहीद हुए जबकि 8 जवान घायल हो गए थे।
कहां कितने जिले नक्सल प्रभावित
देश में कुल 106 जिले हैं जिनमें 22 जिले बिहार में 21 जिले झारखंड में 19 जिले ओडिशा में 16 जिले छत्तीसगढ़ में 8 जिले आंध्रप्रदेश में 8 जिले तेलंगाना में 4 जिले प बंगाल में 3 जिले उप्र में 1 जिला मप्र में है