चमचमाते एक्सप्रेस-वे, विश्वस्तरीय रेलवे और आधुनिक एयरपोर्ट नए साल में बनाएंगे सफर सुहाना

आपको घूमने का शौक हो या काम के सिलसिले में सफर करना पड़ता हो 2023 में आपकी यात्रा का अनुभव बेहतर होने वाला है। आपके सफर को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार कई मोर्चां पर काम कर रही है।

By Vivek TiwariEdited By: Publish:Thu, 05 Jan 2023 07:56 PM (IST) Updated:Mon, 09 Jan 2023 04:47 PM (IST)
चमचमाते एक्सप्रेस-वे, विश्वस्तरीय रेलवे और आधुनिक एयरपोर्ट नए साल में बनाएंगे सफर सुहाना
आपके सफर को बेहतर बनाने के लिए सरकार कई मोर्चां पर एक साथ काम कर रही है

 नई दिल्ली, विवेक तिवारी। आपको घूमने का शौक हो या काम के सिलसिले में सफर करना पड़ता हो, 2023 में आपका यात्रा का अनुभव बेहतर होने वाला है। आप ट्रेन से सफर करते हैं तो आपको भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस कई रूटों पर चलती दिखेगी। अगर आपको हवाई सफर पसंद है तो उड़ान स्कीम के तहत चलाई जा रही उड़ानों के जरिए आप अपने घर के करीब तक सफर कर सकेंगे। वहीं ड्राइविंग का शौक हो तो आधुनिक सुविधाओं से लैस नए राष्ट्रीय राजमार्ग आपके सफर को और सुरक्षित और मजेदार बनाएंगे।

हाल ही में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम  के दौरान कहा कि भारत को समृद्ध बनाने के लिए वह सुनिश्चित करेंगे कि दिसंबर 2024 से पहले भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बिलकुल अमेरिका जैसा हो। देश की दिन प्रतिदिन बेहतर होती परिवहन व्यवस्था और 2023 की उम्मीदों को लेकर हमने एक्सपर्ट्स - उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अरुण अरोड़ा, एयर इंडिया के पूर्व सीएमडी रोहित नंदन, पटना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पूर्व एयरपोर्ट डायरेक्टर अरविंद दुबे, सेंटर फॉर एविएशन पॉलिसी सेफ्टी एंड रिसर्च संस्था के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ऋषिकेश मिश्रा, सेंट्रल रोड रिसर्च इंडस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक और आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर सतीश चंद्रा, सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के चीफ साइंटिस्ट एवं टैफिक डिवीजन के हेड एस वेलमुरुगन से बातचीत की।

रेलवे में सफर होगा विश्व स्तरीय

विशेषज्ञों के मुताबिक 2023 में ट्रेन में सफर का अनुभव काफी बदला हुआ होगा। भारतीय रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस को देश के कई महत्वपूर्ण रूटों पर शुरू कर सकती है। अब तक देश में 7 रूटों पर वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच वंदेभारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। खबरों के मुताबिक सरकार 300 से 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने को लेकर बजट 2023-24 में ऐलान कर सकती है। सरकार अब तक कुल 75 वंदे भारत ट्रेन को मंजूरी दे चुकी है। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले तीन साल में लगभग 475 वंदे भारत ट्रेन तैयार करने की योजना पर काम कर रही है।

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल कहते हैं कि  उत्तर रेलवे ने हाल ही में ऊना (हिमाचल)-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेने शुरू की। इससे अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली से पहले ही बनारस और जम्मू के लिए ये ट्रेनें चलाई जा रही हैं। उत्तर रेलवे ने 2023 में रेलवे स्टेशनों को बड़े पैमाने पर रिवैम्प करने का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन और नेट जीरो कार्बन एमिशन पर भी तेजी से काम किया जाएगा।

भारत सरकार की "वन स्टेशन वन प्रोडक्ट" पहल के तहत, उत्तर रेलवे ने अपने 94 स्टेशनों पर उत्कृष्ट स्थानीय शिल्प, कलाकृतियों और खाद्य पदार्थों को प्रदर्शित करने वाले स्टालों की स्थापना की है। उत्तर रेलवे ने "गति शक्ति कार्गो टर्मिनल" का विकास कार्य भी शुरू किया है। उत्तर रेलवे ने 118 किमी पर ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली - कवच लगाई है।

ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक अरुण अरोड़ा कहते हैं कि हाल ही में हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच वंदेभारत एक्सप्रेस एक्सप्रेस की सेवाएं शुरू की गई हैं। साल की शुरुआत में ही जोका- तारातला मेट्रो लिंक सेवा शुरू कर दी गई है। ये कोलकाता के लोगों के लिए बड़ी सुविधा है। वहीं इस 14 किलोमीटर के मेट्रो लिंक पर तेजी से काम चल रहा है।

नए साल में रेलवे स्टेशन भी विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ मिलेंगे। भारतीय रेलवे ने रेलवे रीडेवलपमेंट स्कीम के तहत तीन रेलवे स्टेशन पश्चिम मध्य रेलवे के रानी कमलापति स्टेशन, पश्चिम रेलवे के गांधीनगर कैपिटल स्टेशन और दक्षिण पश्चिम रेलवे के सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल स्टेशन को पूरी तरह से डेवलपकर कर चालू कर दिया गया है। वहीं, 48 अन्य रेलवे स्टेशनों पर काम चल रहा है। 2023 में इनमें से कुछ स्टेशन आधुनिक सुविधाओं के साथ यात्रियों के लिए उपलब्ध होंगे। स्टेशन रीडेवलपमेंट स्कीम के तहत आपको स्टेशन पर विशाल रूफ प्लाजा, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, स्थानीय उत्पादों के लिए स्टॉल आदि उपलब्ध होंगे।

विकसित रेलवे स्टेशन को मेट्रो, बस, आदि जैसे परिवहन के साधनों से भी जोड़ दिया जाएगा। स्टेशनों को यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इंटेलिजेंट बिल्डिंग की अवधारणा पर विकसित किया जाएगा। स्टेशन पुनर्विकास के माध्यम से रेलवे यात्रियों के साथ-साथ आम जनता के लिए स्टेशन पर‘सिटी सेंटर’जैसा स्थान बनाया जाएगा।

रेलवे चलाएगा हाइड्रोजन ट्रेन

भारतीय रेलवे ने देश के प्रमुख हेरिटेज ट्रेन रूटों पर हाइड्रोजन ट्रेन चलाने का फैसला किया है। जर्मनी, चीन और फ्रांस के बाद भारत दुनिया का चौथा देश होगा, जहां हाइड्रोजन फ्यूल पर ट्रेनों को चलाया जाएगा। चालू वर्ष 2023 के दौरान चयनित आठ प्रमुख हेरिटेज रेलवे ट्रैक रूटों पर पहले चरण में इन ट्रेनों को चलाया जाएगा। 'पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर हेरिटेज रेल रूटों पर हाइड्रोजन फ्यूज आधारित ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इनमें ज्यादातर नैरोगेज की लाइनें हैं, जहां हल्के भार की ट्रेनें चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों को 'वंदे मेट्रो' के नाम से जाना जाएगा।'

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर

पश्चिम बंगाल में दनकुनी (कोलकाता के पास) से लुधियाना को जोड़ने वाला ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 2023 में बन कर तैयार होने की उम्मीद है। 1,856 किलोमीटर की लंबाई वाले ईडीएफसी में दो अलग-अलग खंड शामिल हैं। पहला, पश्चिम बंगाल में दनकुनी और उत्तर प्रदेश में खुर्जा के बीच 1,409 किलोमीटर का विद्युतीकृत डबल-ट्रैक खंड, दूसरा खुर्जा से हरियाणा होते हुए लुधियाना (धंदारीकलां) के बीच 447 किमी का सिंगल-ट्रैक खंड।

2022 की कुछ बड़ी उपलब्धियां भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार ऐतिहासिक स्थानों को प्रदर्शित करने के लिए 'भारत गौरव' ट्रेनें शुरू की गईं। वित्त वर्ष 22 में रेलवे के कैपेक्स में 1,90,267 करोड़ रुपये का महत्‍वपूर्ण उछाल देखा गया। ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए स्टेशन पुनर्विकास मुख्य फोकस क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है। 572 आउटलेट्स के साथ 535 स्टेशनों पर ‘एक स्टेशन एक उत्पाद योजना’ लागू की गई। 2022 के दौरान दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (लगभग 3000रूट किलोमीटर) पर कवच की तैनाती के लिए निविदाएं प्रदान की गईं। 2022 के दौरान, पूरे भारत में 21 रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) द्वारा इंडेंटिंग रेलवे/उत्पादन इकाइयों को लगभग 14000 उम्मीदवारों के पैनल उपलब्ध कराए गए है। आरआरबी परीक्षाओं में पहली बार आधार आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली शुरू की गई है।

नए साल की चुनौतियां

भारतीय रेलवे के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी जमीनों पर कब्जे को हटाना बन चुका है। रेलवे के कई रीडेवलपमेंट के प्रोजेक्ट और गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने का काम अवैध कब्जों के चलते फंसा हुआ है। वहीं अलग अलग रूटों पर गाड़ियों की स्पीड को 160 या इससे अधिक बढ़ा पाना भी एक चुनौती है। दरअसल सेमी हाई स्पीड या हाई स्पीड गाड़ियां चलाने के लिए ट्रैक के दोनों तरफ बाउंडरी होनी चाहिए। भारतीय रेलवे के कई रूटों पर ट्रैक जगह-जगह से खुले हुए हैं। रेलवे के सामने डीएफसीसी और यूएसबीआरएल प्रोजेक्ट को भी समय से पूरा कर पाना एक चुनौती होगा।

हवाई यात्रा होगी आसान

2023 एविएशन सेक्टर के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कोविड की चुनौतियों से निपटने के बाद एक बार फिर देश की एविएशन इंडस्ट्री फिर से उड़ान भरने को तैयार है। 2022 में एविएशन सेक्टर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां रहीं जैसे 50 नए आरसीएस मार्ग 1 जनवरी, 2022 और 08 दिसंबर, 2022 के बीच शुरू हो गए। वहीं केशोद, देवघर, गोंदिया, जयपुर और अल्मोड़ा के 05 हवाई अड्डे/हेलीपोर्ट चालू किए गए। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में 10 नए आरसीएस मार्ग शुरू हुए। उड़ान 4.2 और 4.3 के अंतर्गत 140 नए आरसीएस मार्ग शुरू किए गए। उड़ान के अंतर्गत 16 नए एयरपोर्ट/हेलीपोर्ट/वॉटर एयरोड्रोम की पहचान की गई है। सेंटर फॉर एविएशन पॉलिसी सेफ्टी एंड रिसर्च संस्था के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ऋषिकेश मिश्रा कहते हैं कि सरकार ने एविएशन सेक्टर को मोस्ट फेवर्ड इंडस्ट्री का दर्जा दिया है। इस सेक्टर में भारत में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। पिछले कुछ समय में देश के आम लोगों भी हवाई सफर को पसंद करने लगे हैं। कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 2030 तक भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा एविएशन हब होगा। इसको देखते हुए इस सेक्टर में भारत में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशिक्षित लोग तैयार करने होंगे।

उड़ान स्कीम के तहत आने वाले दिनों में देश में कई नए रूट और नए एयरपोर्ट डेवलप होते देखेंगे। हाल ही में सरकार ने डोनियर जैसे 19 सीट वाले जहाज को भी कॉमर्शियल इस्तेमाल की मंजूरी दी है। वहीं 50 सीट वाले जहाज ATR42 भी रीजनल सेक्टर में सेवा देने वाली कंपनियों को काफी आकर्षित कर रहे हैं। क्योंकि इन विमानों को उड़ान भरने के लिए 700 से 800 मीटर के रनवे की ही जरूरत होती है। ऐसे में आने वाले दिनों में रीजनल कनेक्टिविटी के लिए इस तरह के विमानों की मांग बढ़ेगी। वहीं अगर हम एयरपोर्ट की बात करें तो 2025 तक देश में लगभग 400 और एयरपोर्ट बनाए जाने की संभावना है। इनमें से ज्यादार एयरपोर्ट देश में रीजनल एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगे।

पटना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पूर्व एयरपोर्ट डायरेक्टर अरविंद दुबे कहते हैं कि 2023 एविएशन इंडस्ट्री के के लिए काफी अच्छा रहने वाला है। देशभर में आपको एयर कार्गो ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में काफी तेजी देखने को मिलेगी। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत छोटे शहरों की मांग को देखते हुए छोटे कार्गो विमानों का परिचालन बढ़ सकता है। देश में एविएशन सेक्टर में पिछले कुछ समय में मांग काफी तेजी से बढ़ी है। देश के सभी एयरपोर्ट पर यात्रियों की बढ़ती संख्या के हिसाब से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं उपलब्ध कराने पर ध्यान देने की जरूरत है।

भारत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का एक विस्तृत नेटवर्क संचालित करता है और वर्तमान में 116 देशों के साथ हवाई सेवा समझौते हैं। निरंतर प्रयासों के संदर्भ में, भारत वर्तमान में 40 से अधिक देशों को सीधा संपर्क प्रदान करता है, जबकि 100 से अधिक देशों को अप्रत्यक्ष मार्गों से जोड़ता है। वर्ष 2014 से भारत ने 55 से अधिक देशों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें वर्ष 2022 में ही भारत ने इथियोपिया, जिम्बाब्वे, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, सूडान और जर्मनी के साथ समझौता ज्ञापनों को संशोधित किया है। विभिन्न देशों से चार्टर उड़ान सेवा शुरू करने के लिए अनुमति के साथ नियमित तौर पर रियायत दिए जाने के अलावा, भारत ने मानवीय आधार पर अफगानिस्तान से गैर-अनुसूचित चार्टर उड़ान सेवा संचालन के माध्यम से यात्रियों और कार्गो की ढुलाई की अनुमति दी है।

अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन परिषद के लिए भारत का फिर से निर्वाचन

नागरिक उड्डयन मंत्रालय-एमओसीए ने विदेश मंत्रालय के साथ ठोस प्रयास किए और अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन-आईसीएओ परिषद में भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की एक सभा बुलाकर एक सक्रिय अभियान चलाया। अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन की 41वीं महासभा के दौरान, भारत को दूसरे भाग के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन परिषद (2022-2025) के लिए फिर से चुन लिया गया है, जिसमें वे देश शामिल हैं जो अंतरराष्ट्रीय नागरिक हवाई नेविगेशन के लिए सुविधाओं के प्रावधान में सबसे बड़ा योगदान देते हैं।

बढ़ेगा डिजी यात्रा का दायरा

डिजी यात्रा नीति नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जो यात्रियों को हवाई अड्डों पर टिकट और पहचान प्रमाण के सत्यापन की आवश्यकता के बिना किसी फिजिकल जांच के निर्बाध और परेशानी मुक्त सेवा प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। नागरिक उड्डयन मंत्री द्वारा एक दिसंबर 2022 को दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा का शुभारंभ किया गया है। मार्च 2023 तक कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और हैदराबाद हवाई अड्डों पर इस योजना के कार्यान्वयन की योजना है। इसे चरणबद्ध तरीके से सभी हवाई अड्डों पर लागू किया जाना है। डीजी यात्रा ऐप एंड्रॉइड के साथ-साथ आईओएस प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है।

ड्रोन के जरिए मिलेंगी सेवाएं

2023 में ड्रोन के जरिए वस्तुओं के परिवहन की सेवाएं बढ़ सकती हैं। सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। नागरिक उड्यन मंत्रालय ने ड्रोन प्रमाणन योजना को 26 जनवरी, 2022 को अधिसूचित किया है, जिससे ड्रोन निर्माताओं द्वारा टाइप सर्टिफिकेट प्राप्त करना आसान हो गया है। विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाने और ड्रोन के कलपुर्जों के आयात को मुक्त करने के लिए ड्रोन आयात नीति को 9 फरवरी, 2022 को अधिसूचित किया गया है। उपयोग के मामलों और नीतिगत सुधारों को सामने लाने के लिए देश भर के 12 राज्यों में ड्रोन मेलों का आयोजन किया गया।

चुनौतियां

एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी चुनौती देशभर में हवाईअड्डों पर यात्रियों की बढ़ती भीड़ के प्रबंधन की होगी। हवाईअड्डों पर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के साथ ही नए एयरपोर्ट भी बनाने होंगे। 2030 तक भारतीय एविएशन इंडस्ट्री को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री बनने का अनुमान जताया जा रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में देश में इस सेक्टर के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होगी। इन लोगों की कमी को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर ट्रेनिंग संस्थान चलाए जाने की जरूरत है। दुनिया भर में तेल की लगातार बढ़ती कीमतें भी इस सेक्टर के लिए एक बड़ी चुनौती है। वहीं दुनिया भर में बढ़ते एयर ट्रैफिक को देखते हुए एयर कंजेशन भी एक चुनौती बन गया है।

और बेहतर होंगे हाइवे, सफर होगा सुरक्षित

सरकार ने 2022-23 के दौरान 12 हजार दो सौ किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य रखा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया था कि नवंबर 2022 तक चार हजार 766 किलोमीटर राजमार्ग बनाने का टेंडर किया जा चुका है और चालू वित्त वर्ष के दौरान 4, 6 और 8 लेन के कुल दो हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान निर्मित राजमार्गों से एक हजार 806 किलोमीटर अधिक है। हाल ही में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत को समृद्ध बनाने के लिए वह सुनिश्चित करेंगे कि दिसंबर 2024 से पहले भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बिलकुल अमेरिका जैसा हो। सरकार रोज लगभग 50 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लक्ष्य को लेकर काम कर रही है। कुल मिलाकर वर्ष 2025 तक 2 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।

सेंट्रल रोड रिसर्च इंडस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक और आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर सतीश चंद्रा कहते हैं कि देश में विश्व स्तरीय राष्ट्रीय राजगार्म बनाना सरकार की प्राथमिक्ताओं में है। इसका अंदाजा 2022 -23 के बजट में इस काम के लिए दिए गए फंड से लगाया जा सकता है। आज भारत में विश्व स्तरीय राजमार्ग बनाए जा रहे हैं। हमें सड़क सुरक्षा की दिशा में अभी काफी काम करने की जरूरत है ताकि हादसों को रोका जा सके।

भारत में 2021 में हुए सड़क हादसों की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा औसतन 426 लोग प्रतिदिन या हर घंटे 18 लोगों का है।

सड़क हादसों में कमी लाने के लिए सरकार ने बड़ी रणनीति तैयार की है। रोड और वाहन इंजीनियरिंग के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा के लिए कुछ अहम बदलाव इस साल प्रस्तावित हैं, जिन पर यह सही तरह अमल किया गया तो रोड एक्सीडेंट के मामले कम हो सकते हैं।

चूंकि सड़क सुरक्षा के मामले में सबसे अधिक जिम्मेदारी राज्यों और उनकी एजेंसियों की है इसलिए उनकी मदद के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सात हजार करोड़ रुपये की योजना की तैयारी की है, जो मूल रूप से राज्यों को सड़क सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रदान की जाएगी।

बनेंगे कई नए हाईवे

सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के चीफ साइंटिस्ट एवं ट्रैफिक डिवीजन के हेड एस वेलमुरुगन कहते हैं कि 2023 में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काफी हिस्सा शुरू हो जाएगा। फरवरी 2023 तक हरियाणा तक इस एक्सप्रेस वे को शुरू किया जा सकता है। गंगा एक्सप्रेस-वे का भी काफी हिस्सा 2023 में पूरा हो सकता है। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के कुछ हिस्से को भी 2023 में शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो के फेज-4 का काम शुरू होगा। सरकार ने 17,000 करोड़ रुपए की लागत से नई ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत बेंगलुरु से चेन्नई के बीच एक्सप्रेसवे मार्च 2024 तक तैयार करने का ऐलान किया है। 285.3 किलोमीटर लम्बी चार लेन की ये परियोजना यात्रा के समय को बचाने में मदद करेगी। इस परियोजना के पूरा होने से प्रमुख शहरों और भीड़भाड़ वाले इलाकों से गुजरने में देरी से बचने में भी मदद मिलेगी। कर्नाटक में 71.7 किलोमीटर की इस भारतमाला परियोजना पर 5,069 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस खंड पर एक अमृत महोत्सव पक्षी अभयारण्य और एक अमृत सरोवर भी बनेगा। वहीं

मैसूरु-बेंगलुरु हाईवे फरवरी तक बनने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। एक बार परियोजना पूरी हो जाने पर इन शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटा, 10 मिनट कम हो जाएगा। बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इन राजमार्गों के साथ सैटेलाइट टाउनशिप विकसित करने का भी प्रस्ताव दिया है । NHAI कर्नाटक में दो लाख करोड़ रुपये की 8,005 किलोमीटर लंबी परियोजनाओं पर काम कर रहा है।

गाड़ियों में लगाए जाएंगे 6 एयरबैग

कारों में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गाड़ी में 6 एयरबैग लगाना अनिवार्य करने की बात कही है। कार निर्माता कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर 2023 से ये नियम अनिवार्य कर दिया गया है। 1 अप्रैल, 2021 से नए वाहनों में दोनों फ्रंट सीट के लिए दो एयरबैग देने अनिवार्य कर दिए गए थे। गाड़ियों में 6 एयरबैग की व्यवस्था 2022 से ही लागू होनी थी लेकिन ग्लोबल सप्लाई चेन में दिक्कत के चलते इस नियम के लागू होने की समय सीमा को बढ़ाया गया।

भारत में शुरू होगी गाड़ियों की रेटिंग

देश में चलने वाली गाड़ियां कितनी सुरक्षित हैं, इसके लिए भारत का अपना कोई सेफ्टी मेजरमेंट नहीं है। ग्लोबल एनकैप, यूरो एनकैप द्वारा प्रमाणित सेफ्टी रेटिंग को देखकर भारत में गाड़ियों को खरीदा जाता है। इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार जल्द ही देश के खुद के कार सेफ्टी मानक लेकर आ रही है। इन मानकों के तहत गाड़ियों की सेफ्टी रेटिंग की जाएगी। इसको भारत एनकैप नाम दिया जाएगा। भारत एनकैप के जरिए ग्राहकों को स्टार रेटिंग के आधार पर सुरक्षित कार मिल पाएगी और इस रेटिंग के जरिए लोग अपनी कार सुरक्षा के लिहाज से खरीद सकेंगे। भारत में स्टार रेटिंग वाहन निर्माता कंपनियों को एक सुरक्षित कार बनाने के लिए प्रेरित करेगा।

चुनौतियां

सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के चीफ साइंटिस्ट एवं टैफिक डिवीजन के हेड एस वेलमुरुगन कहते हैं सड़क परिवहन के क्षेत्र में सबसे बड़ी चिंता है कि आज रोड एक्सीडेंट में अपनी जान गवांने वाले लोगों की सबसे अधिक संख्या भारत में है। 2016 से 2021 की तुलना करें तो हमारे यहां रोड एक्सीडेंट की संख्या घटी है। लेकिन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ी है। इस संख्या को कम करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए सरकार को राजमार्ग बनाने में ऐहतियात बरतने के साथ ही लोगों को भी रोड सेफ्टी के लिए जागरूक करना होगा। लोगों को गाड़ी चलाने के नियमों के प्रति भी जागरूक करना होगा।

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