1971 युद्ध के हीरो बांग्लादेश नेवी के संस्थापक कैप्टन एमएन सामंत का निधन

बांग्लादेश के गठन के बाद कैप्टन एमएन सामंत ने वहां की नौसेना के गठन में अहम भूमिका निभाई थी। 89 वर्षीय कैप्टन सामंत का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 20 Mar 2019 08:51 PM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2019 09:21 PM (IST)
1971 युद्ध के हीरो बांग्लादेश नेवी  के संस्थापक कैप्टन एमएन सामंत का निधन
1971 युद्ध के हीरो बांग्लादेश नेवी के संस्थापक कैप्टन एमएन सामंत का निधन

 मुंबई, आइएएनएस। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के हीरो रहे भारतीय नौसेना के कैप्टन एमएन सामंत का निधन हो गया है। इस युद्ध के बाद अस्तित्व में आए बांग्लादेश की नौसेना के गठन में भी कैप्टन सामंत ने अहम भूमिका निभाई थी, एक तरह से वह बांग्लादेश नौसेना के संस्थापक ही थे।

जुहू के भारतीय आरोग्य निधि अस्पताल में उन्होंने बुधवार को अंतिम सांस ली। 89 वर्षीय कैप्टन सामंत का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ। उनके परिवार में उनकी पत्नी निर्मला और तीन बेटियां उज्ज्वला, नताशा और मेघना हैं। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार विले पार्ले श्मशान में किया जाएगा।

1971 की लड़ाई में अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय देने वाले कैप्टन सामंत को प्रतिष्ठित महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। 1971 के बाद ही पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश के रूप में नया देश बना। पहले पूर्वी पाकिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा था। बांग्लादेश के गठन के बाद कैप्टन सामंत ने वहां की नौसेना के गठन में अहम भूमिका निभाई थी।

कैप्टन सामंत 1971 की लड़ाई में पूर्वी पाकिस्तान के मोंगला और खुलना पोर्ट पर हमला करने वाली नौ सेना में वरिष्ठ अधिकारी थे। युद्धपोत से सुसज्जित सेना के साथ खतरनाक क्षेत्र और अनजान रास्तों से होते हुए कैप्टन सामंत ने न सिर्फ अपनी फौज का बेहतर संचालन किया, बल्कि अचानक हमला कर दुश्मन को संभलने का मौका तक नहीं दिया।

कैप्टन सामंत की फौज पर पाकिस्तान ने हवाई हमले भी किए, जिसमें भारतीय नौसेना के साथ काम कर रही बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी की दो नौका भी डूब गई थी। इसके बाद भी कैप्टन सामंत का हौसला नहीं टूटा और वह दुश्मन पर हमला करने के साथ ही समुद्र में डूबती नावों से बड़ी संख्या में सैनिकों को भी बचाया।

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