अपनी जीत के हास्यास्पद दावे करता रहा पाक

अगर वर्ष 1965 के युद्ध में कौन विजयी हुआ, इसका चुनाव दुष्प्रचार अभियान के आधार पर किया जाए तो निश्चित तौर पर पाकिस्तान को विजयी घोषित करना पड़ेगा। अपनी स्थापना के बाद से ही घरेलू और वैश्विक स्तर पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में जुटे पाकिस्तान ने लगभग तीन दशकों

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2015 12:40 AM (IST) Updated:Sat, 29 Aug 2015 11:11 AM (IST)
अपनी जीत के हास्यास्पद दावे करता रहा पाक

नई दिल्ली, [जयप्रकाश रंजन]। अगर वर्ष 1965 के युद्ध में कौन विजयी हुआ, इसका चुनाव दुष्प्रचार अभियान के आधार पर किया जाए तो निश्चित तौर पर पाकिस्तान को विजयी घोषित करना पड़ेगा। अपनी स्थापना के बाद से ही घरेलू और वैश्विक स्तर पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में जुटे पाकिस्तान ने लगभग तीन दशकों तक अपनी जनता को यह कह कर भ्रमित करता रहा कि इस युद्ध में भारत को करारी शिकस्त दी गई है। पाक सेना का यह दुष्प्रचार अभी तक जारी है। अब जबकि पूरी दुनिया यह मान चुकी है कि इस युद्ध में निश्चित तौर पर भारत को जीत हासिल हुई थी फिर भी पाकिस्तान हर वर्ष भारत पर जीत का जश्न मनाता है।अपनी विजय को साबित करने के लिए पाक सेना ने दास्तान-ए-शुजात नाम से एक डाक्यूमेंट्री तब बना कर यू-ट्यूब पर डाल दी थी जब भारतीय सेना से जुड़ी कोई भी जानकारी इस चैनल पर उपलब्ध नहीं थी।

दस्तावेज बताते हैं कि जैसे ही वर्ष 1965 युद्ध की शुरुआत हुई पाकिस्तान सेना ने अपने प्रचार माध्यमों से यह प्रचारित करना शुरू कर दिया था कि हर मोर्चे पर भारत को मात दी जा रही है। पाकिस्तान की जनता यह मान बैठी थी कि इस बार भारत को धूल चटा दी जाएगी। इसलिए जब युद्ध विराम की घोषणा हुई तो पाकिस्तान की जनता को काफी आश्चर्य भी हुआ था। पाकिस्तान की सेना के वेबसाइट पर अभी तक यह सूचना है कि इस युद्ध में उसने भारत के 1617 वर्ग मील के क्षेत्रफल पर कब्जा कर रखा था। जबकि भारत ने उसके पंजाब के इलाके में सिर्फ 446 वर्ग मील के इलाके पर कब्जा किया था। हालांकि अब यह तथ्य दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है।

डेविड पैन प्राघ ने अपनी किताब दे ग्रेटर गेम : इंडियाज रेस विद डेस्टिनी एंड चीन में लिखा है कि भारत ने पाकिस्तान के बेहद उपजाऊ 690 वर्ग मील पर कब्जा किया था जबकि पाकिस्तान ने भारत में 250 वर्ग मील पर कब्जा कर लिया था। टाइम मैगजीन के तत्कालीन युद्ध पत्रकार साइलेंट गट्स, एशिया मामले के प्रख्यात विशेषज्ञ डेविन टी हैगार्टी ने अपनी किताबों में साक्ष्यों समेत लिखा कि इस युद्ध में स्पष्ट तौर पर भारत की जीत हुई। सभी ने यही लिखा है कि भारत तब पाक पर एक बड़ी विजय की तरफ बढ़ रहा था लेकिन युद्ध विराम की घोषणा की वजह से ऐसा नहीं हो सका।सिर्फ कब्जा की गई जमीन ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की सेना ने अपनी जीत को साबित करने के लिए एक से बढ़ कर एक हास्यास्पद दावे किये।

जैसे यह कि भारत के 104 युद्धक विमानों को बर्बाद किया गया जबकि पाकिस्तान के सिर्फ 19 लड़ाकू विमान ही क्षतिग्रस्त हुए। बाद में यह साबित हो गया कि भारत से ज्यादा पाकिस्तान के युद्धक विमान तबाह हुए थे। भारतीय सेना के मुताबिक पाक के 53 और भारत के 43 युद्धक जहाज खेत रहे थे। इसे दूसरे शब्दों में कहा जाए तो पाकिस्तान सेना के करीब आधे युद्धक जहाजों को भारत ने मार गिराया था। इसी तरह से जब पाकिस्तान से एयरड्राप किये गये सौ से ज्यादा कमांडो को भारत ने हलवारा, पठानकोट और आदमपुर में पकड़ लिया तो पाक रेडियो ने यह दुष्प्रचार चलाया कि पैराशूट से पाकिस्तान में घुसे भारत के सैकड़ों सैनिकों को पकड़ लिया गया है या मार दिया गया है। बाद में यह बात पूरी तरह गलत साबित हुई क्योंकि भारत ने अपने सैनिकों को एयरड्राप किया ही नहीं था।

वर्ष 1965 की युद्ध पर किताब लिख रहे और रणनीतिक विशेषज्ञ नितिन गोखले का कहना है कि अगर ज्यादा सैनिकों को मार गिराना, ज्यादा टैंकों को ध्वस्त कर देना और दुश्मन के मुकाबले ज्यादा क्षेत्र कब्जा कर लेना, यह विजय नहीं है तो फिर क्या है? लेकिन पाकिस्तान आर्मी का दुष्प्रचार अभी तक चल रहा है। बाद में जब 1971 में बांग्लादेश अलग हुआ तो वहां के इतिहास के किताबों में यह पढ़ाया गया कि वर्ष 1965 की युद्ध के हार का बदला लेने के लिए भी भारत ने बंगालियों की मदद से पाक के दो टुकड़े किये।

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