माननीयों पर भ्रष्टाचार और कालेधन के 189 मामले लंबित, सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई वकील और भाजपा नेता अश्वनी उपाध्याय की याचिका पर कर रहा है जिसमें राजनीति का अपराधीकरण रोकने की मांग की गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 09:55 PM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 09:57 PM (IST)
माननीयों पर भ्रष्टाचार और कालेधन के 189 मामले लंबित, सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई
माननीयों पर भ्रष्टाचार और कालेधन के 189 मामले लंबित, सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

माला दीक्षित, नई दिल्ली। माननीयों यानी पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों के खिलाफ देश भर की अदालतों में भ्रष्टाचार के 175 और कालाधन रखने के कुल 14 मामले लंबित हैं। राजनीति में भ्रष्टाचार की तस्वीर दिखाने वाला यह ब्योरा सुप्रीम कोर्ट में न्यायमित्र वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया की रिपोर्ट में दाखिल किया गया है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों को आदेश दिया था कि वे पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों का ब्योरा देंगे। साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक कानून, मनी लांड्रिंग कानून व अन्य विशेष कानूनों के तहत लंबित मुकदमों का ब्योरा भी स्पष्ट करेंगे। उच्च न्यायालयों ने आदेश का पालन करते हुए अपनी रिपोर्ट न्यायमित्र को भेजी थी जिसे संयोजित कर उन्होंने मंगलवार को कोर्ट में दाखिल किया। साथ ही हंसारिया ने ऐसे मुकदमों के जल्द निपटारे के लिए कोर्ट को कुछ सुझाव भी दिए हैं। मामले में कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई गत 10 सितंबर को भी विजय हंसारिया ने इस संबंध में एक रिपोर्ट कोर्ट में दी थी जिसमें बताया गया था कि देश भर में वर्तमान और पूर्व सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 4442 केस लंबित हैं जिनमें से करीब 413 मुकदमें ऐसे हैं जिनमें उम्रकैद की सजा है। इन 413 में 174 केस वर्तमान सांसदों और विधायकों के खिलाफ हैं। हालांकि तब तक सभी उच्च न्यायालयों ने सभी राज्यों में लंबित माननीयों के मुकदमों का ब्योरा नहीं भेजा था इसलिए तब सुनवाई 16 अगस्त तक के लिए टल गई थी और कोर्ट ने उच्च न्यायालयों को ब्योरा भेजने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई वकील और भाजपा नेता अश्वनी उपाध्याय की याचिका पर कर रहा है जिसमें राजनीति का अपराधीकरण रोकने की मांग की गई है। साथ ही सांसदों विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों के जल्द निपटारे की मांग है। मामला 2016 से लंबित है और कोर्ट कई निर्देश जारी कर चुका है जिसमें सभी राज्यों को ऐसे मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का आदेश भी शामिल है।

यूपी के 62 जिलों में कुल 1217 मुकदमें हैं लंबित

विजय हंसारिया और उनकी सहयोगी स्नेहा कलिता की की ओर से दाखिल रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पूर्व और वर्तमान सांसदों विधायकों के खिलाफ 62 जिलों में कुल 1217 मुकदमें लंबित हैं। जिसमें से 10 मुकदमें भ्रष्टाचार निरोधक कानून में हैं। ये चार इलाहाबाद और छह गाजियाबाद में लंबित हैं। चार मामले तो 1990 से लंबित हैं और तीन मुकदमो में अभी तक अभियुक्तों पर अभियोग तय नहीं हुए हैं। दो मुकदमों की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट से रोक लगी हुई है। 

रिपोर्ट बताती हैं कि दिल्ली में कुल 87 मुकदमे लंबित हैं जिसमें 14 भ्रष्टाचार निरोधक कानून में और पांच मनी लांड्रिंग में हैं जबकि एक मामला कंपनी एक्ट व चार आयकर कानून के तहत हैं। बिहार में कुल 519 मुकदमे लंबित हैं जिनमें छह भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज हैं। इनमें दो मुकदमे 1996 और 1997 के हैं। झारखंड में कुल 142 मुकदमें लंबित हैं। इसमें 6 भ्रष्टाचार के हैं। ओडिशा में कुल 331 मुकदमे हैं जिनमें 20 भ्रष्टाचार के हैं। महाराष्ट्र में कुल 330 मुकदमों में 8 भ्रष्टाचार के हैं। रिपोर्ट मे सभी राज्यों का ब्योरा है। रिपोर्ट मे लंबित मुकदमों का श्रेणीवार ब्योरा देते हुए जल्द निपटारे के सुझाव भी दिए गए हैं।

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