विश्वविद्यालय और कालेजों में खुलेंगे महिलाओं से जुड़े दस हजार अध्ययन केंद्र

महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए यूजीसी ने विश्वविद्यालय और कालेजों में महिलाओं के लिए एक अध्ययन सेंटर खोलने का फैसला लिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 18 Mar 2019 10:28 PM (IST) Updated:Mon, 18 Mar 2019 10:28 PM (IST)
विश्वविद्यालय और कालेजों में खुलेंगे महिलाओं से जुड़े दस हजार अध्ययन केंद्र
विश्वविद्यालय और कालेजों में खुलेंगे महिलाओं से जुड़े दस हजार अध्ययन केंद्र

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालय और कालेजों में महिलाओं के लिए एक अध्ययन सेंटर खोलने का फैसला लिया है। जहां महिलाओं को आगे बढ़ाने वाले नए- नए कोर्स शुरु होंगे। ताकि वह आगे चलकर आत्मनिर्भर बन सके। ऐसे सेंटरों को स्थापित करने वाले विवि और कालेजों को हर साल अतिरिक्त वित्तीय मदद भी दी जाएगी।

यूजीसी ने इसे लेकर एक गाइड लाइन भी जारी की है, जिसके तहत महिला सेंटर चलाने वाले विवि को हर साल 35 लाख रुपए और कालेज को 25 लाख रुपए की अतिरिक्त मदद दी जाएगी। यूजीसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक योजना के तहत फिलहाल देश भर में दस हजार ऐसे महिला अध्ययन केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही ऐसे विवि और कालेजों की पहचान भी की गई है, जो इसे लेकर अच्छा काम कर सकते है।

गाइड लाइन के तहत अध्ययन केंद्रों का मुख्य फोकस वंचित महिलाओं को आगे बढ़ाने का होगा। इनमें दिव्यांग, बेघर, अशिक्षित, बीमार और बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल होंगी। इसके अलावा वह इन सभी के उत्थान को लेकर एक खास कोर्स भी तैयार करेंगे। ऐसी महिलाओं को रोजगार से जुड़ी गतिविधियों से जोड़ने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इनमें इन्हें लोन भी दिलाने में मदद दी जाएगी।

इस तरह संचालित होंगे अध्ययन केंद्र

विश्वविद्यालयों में खोले जाने वाले महिला अध्ययन केंद्रों के मुखिया कुलपति होंगे। जबकि इसकी संचालन कमेटी में बतौर सदस्य राज्य सरकार की कोई एक महिला मंत्री, महिलाओं के विकास के लिए काम करने वाली दो प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधि, दो प्रोफेसर, महिला स्टडी में रुचि रखने वाली दो महिला विशेषज्ञ और एक इंचार्ज अधिकारी भी होगा।

इसी तरह कालेज स्तर पर स्थापित होने वाले केंद्र के मुखिया कालेज के प्रिंसिपल होंगे। जबकि इसके अलावा इस टीम में महिला संस्थानों के दो प्रतिनिधि और कोई दो शिक्षक होंगे। कुल मिलाकर संचालन समिति में आठ से अधिक सदस्य नहीं होंगे। केंद्र का संचालन इसी कमेटी के जिम्मे होगा।

संस्थानों में शोध से जुड़े भी होंगे काम

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संस्थानों में इसके अलावा महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर शोध भी होंगे। साथ ही ऐसी योजनाओं की रूपरेखा भी खींची जाएगी, जिससे समाज में विकास की मुख्य धारा से पीछे इन महिलाओं को आगे बढ़ाया जा सके। इस पूरी मुहिम का लक्ष्य जेंडर गैप को भी कम करना है। गाइड लाइन में प्रत्येक सेंटर में शोध के लिए एक खास बजट तय होगा।

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