यूपी बोर्ड : हाईस्कूल व इंटर की किताबें बाजार में पहुंची, एनसीआरटी से भी सस्ती हैं पुस्तकें

नया शैक्षिक सत्र शुरू होने के नौ दिन बाद यूपी बोर्ड प्रशासन ने दावा किया है कि बाजार में कक्षा नौ से लेकर बारह तक की पाठ्यपुस्तकें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गई हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 09 Apr 2019 11:24 PM (IST) Updated:Wed, 10 Apr 2019 04:54 PM (IST)
यूपी बोर्ड : हाईस्कूल व इंटर की किताबें बाजार में पहुंची, एनसीआरटी से भी सस्ती हैं पुस्तकें
यूपी बोर्ड : हाईस्कूल व इंटर की किताबें बाजार में पहुंची, एनसीआरटी से भी सस्ती हैं पुस्तकें

प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश में नया शैक्षिक सत्र शुरू होने के नौ दिन बाद यूपी बोर्ड प्रशासन ने दावा किया है कि बाजार में कक्षा नौ से लेकर बारह तक की पाठ्यपुस्तकें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गई हैं। इस वर्ष छह किताबों के लिए अलग से निविदा निकाली गई थीं, वे किताबें भी उपलब्ध हो गई हैं। बाकी किताबों का टेंडर पिछले वर्ष ही हो चुका है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित करीब 26 हजार से अधिक कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए पुस्तकें मुहैया कराने का कार्य भी यूपी बोर्ड के जिम्मे है। इसके अलावा पाठ्यक्रम और परीक्षा भी बोर्ड प्रशासन कराता आ रहा है। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने सत्र शुरू होने से पहले ही कहा था कि अधिकांश किताबों के टेंडर पिछले वर्ष ही हो चुके हैं, इसलिए वे पुस्तकें बाजार में पहुंच चुकी हैं, जबकि इस वर्ष जिन किताबों का टेंडर जारी हुआ है उसकी रिपोर्ट प्रकाशकों से मांगी गई है।

मंगलवार को सचिव ने कहा कि अब सभी किताबें बाजार में हैं, छात्र-छात्राएं व अभिभावक सस्ती दर पर इसे खरीद सकते हैं। प्रशासन का दावा है कि एनसीईआरटी से भी सस्ती किताबें यूपी बोर्ड ने मुहैया कराई हैं। सचिव ने कहा कि यदि कहीं से मूल्य में विसंगति की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई करेंगे। प्रकाशक दुकानदारों को हिदायत दें कि पुस्तकों पर छपे मूल्य पर ही उनकी बिक्री की जाए।

बीएसए भेजें उत्कृष्ट स्कूलों के नाम

बेसिक शिक्षा विभाग इस वर्ष भी राज्य स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार देगा। इसके लिए सभी बीएसए से पुरस्कार के लिए नामांकन कराने का निर्देश हुआ है। संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक या फिर सहायक अध्यापक को छह पेज का राइटअप देना होगा, इसका पावर प्रेजेंटेशन भी भेजा जा सकता है। शिक्षा निदेशक बेसिक ने सभी जिलों को नामांकन का प्रारूप भेज दिया है। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष कुछ जिलों से उत्कृष्ट स्कूलों का नामांकन न होने पर बीएसए से स्पष्टीकरण मांगा गया था। 

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