School Reopening News: दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश, 5 अक्टूबर तक बंद रहेंगे राज्य के सभी स्कूल

School Reopening News 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए आंशिक रूप से स्कूल खोलने की अनुमति भी रद्द हो गई है।

By Nandini DubeyEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 07:28 PM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 07:28 PM (IST)
School Reopening News: दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश, 5 अक्टूबर तक बंद रहेंगे राज्य के सभी स्कूल
School Reopening News: दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश, 5 अक्टूबर तक बंद रहेंगे राज्य के सभी स्कूल

School Reopening News: कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राज्य में सभी स्कूलों को 5 अक्टूबर, 2020 तक बंद रखने का निर्णय लिया है। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय (DoE) द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि राज्य में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल 5 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। हालांकि, ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन पहले की तरह जारी रहेगा। बता दें कि 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए आंशिक रूप से स्कूल खोलने की अनुमति भी रद्द हो गई है। महामारी के कारण दिल्ली में 16 मार्च से स्कूल बंद हैं।

इससे पहले दिल्ली सरकार ने 30 सितंबर तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया था। कहा गया था कि ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी, जबकि 20 सितंबर तक स्टूडेंट्स को किसी भी तरह की एक्टिविटी के लिए स्कूल में आने की अनुमति नहीं होगी। वहीं, 21 सितंबर से यदि 9वीं से 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स अपने शिक्षक से परामर्श लेने के लिए स्कूल जाना चाहें तो वे अपने माता-पिता या अभिभावक की लिखित स्वीकृति के साथ जा सकते हैं। हालांकि, स्कूल व स्टूडेंट्स के घर कन्टेनमेंट जोन से बाहर स्थित हों, तभी इसकी अनुमति दी गई थी।

गौरतलब है इससे पूर्व दिल्‍ली सरकार ने शिक्षा निदेशालय से स्कूलों को फिर से खोले जाने को लेकर पैरेंट्स का विचार जानने को कहा था। एक गूगल फॉर्म के माध्यम से पैरेंट्स से उनकी सुझाव मांगी गई थी। जिसमें ज्यादातर पैरेंट्स या अभिभावक अपने बच्‍चों को महामारी के बीच स्‍कूल भेजने के खिलाफ थे। द्वारका स्थित बाल भारती स्कूल में बच्चों के 65 फीसदी माता-पिता ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने से इनकार किया। वहीं, माउंट आबू पब्लिक स्कूल, रोहिणी में 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों में से 75 प्रतिशत के माता-पिता ने कहा कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने का खतरा नहीं उठाना चाहते हैं। जबकि, एक अन्य प्राइवेट स्कूल में 400 स्टूडेंट्स की क्लास में से सिर्फ 25 स्टूडेंट्स के माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने के समर्थन में थे।

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