स्कूलों में सख्ती से लागू हो सुरक्षा व्यवस्था, पालन नहीं करने वाले पर होगी कड़ी कार्रवाई: दिल्ली हाईकोर्ट

सभी स्कूल कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन करने स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने और छात्राओं को अलग से वॉशरूम की व्यवस्था करने समेत कई दिशानिर्देश दिए हैं।

By Neel RajputEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 12:11 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2020 12:11 PM (IST)
स्कूलों में सख्ती से लागू हो सुरक्षा व्यवस्था, पालन नहीं करने वाले पर होगी कड़ी कार्रवाई: दिल्ली हाईकोर्ट
स्कूलों में सख्ती से लागू हो सुरक्षा व्यवस्था, पालन नहीं करने वाले पर होगी कड़ी कार्रवाई: दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी के स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश को सख्ती से लागू करने का दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने इसके साथ ही सरकार को निर्देश दिया कि जो संस्थान नियमों का उल्लंघन करें उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस निर्देश के साथ मुख्य पीठ ने स्कूलों में सुरक्षा इंतजाम नहीं होने के संबंध में एक अधिवक्ता द्वारा लिखे गए पत्र के आधार पर शुरू की गई जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।

होंगे सुरक्षा के कड़े इंतेजाम

मुख्य पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के संबंध में पहले ही कई आदेश जारी किए हैं और कई अहम कदम उठाएं हैं, ऐसे में इस आदेश पर कोर्ट द्वारा निगरानी की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसल संजॉय घोष ने पीठ को बताया कि दिल्ली के सभी स्कूलों कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन करने, स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने और छात्रओं को अलग से वॉशरूम की व्यवस्था करने समेत कई दिशानिर्देश दिए हैं। पीठ ने इसका संज्ञान लेते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा पत्र जारी करना पर्याप्त है और स्कूलों को इसे सख्ती से लागू करना चाहिए।

पालन नहीं करने वाले संस्थानों पर होगी कड़ी कार्रवाई

पीठ ने साथ ही कहा कि अगर कोई स्कूल आदेशों का उल्लंघन करता है तो कानून के तहत उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सुनवाई के दौरान मामले में अदालत मित्र नियुक्त किए गए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने पीठ को बताया था कि दिल्ली सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है, लेकिन नगर निगम और गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल इसे लागू नहीं कर रहे हैं। अशोक अग्रवाल ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि उन्होंने छह स्कूलों का निरीक्षण किया था और उन्होंने पाया कि वहां पर क्षमता से अधिक बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि वहां पर पर्याप्त मूलभूत सुविधाएं नहीं है। इतना ही नहीं कई स्कूलों में तो शौचालय तक की व्यवस्था भी मौजूद नहीं है।

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