एआईसीटीई ने लांच की डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेशनल स्कीम (डीपीएस), यहां से पढ़ें डिटेल

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) की ओर से डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेशनल स्कीम (डीपीएस) योजना को 23 अप्रैल 2024 को लॉन्च किया गया है। इस योजना का लक्ष्य एआईसीटीई से अप्रूव्ड संस्थानों के छात्रों और संकाय सदस्यों को लेक्चर और सेमिनार आदि के माध्यम से प्रेरित व प्रोत्साहित करना है। इससे छात्रों को नौकरी के बाजार में चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।

By Amit Yadav Edited By: Amit Yadav Publish:Tue, 23 Apr 2024 04:38 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2024 04:39 PM (IST)
एआईसीटीई ने लांच की डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेशनल स्कीम (डीपीएस), यहां से पढ़ें डिटेल
AICTE launches DPS: एआईसीटीई ने लॉन्च की डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेशनल स्कीम।

HighLights

  • इसके माध्यम से एआईसीटीई विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों का समूह करेगा तैयार।
  • यह अपने अनुभव साझा करके छात्रों और संकाय सदस्यों को करेंगे प्रेरित।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने मंगलवार को एआईसीटीई- डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेशनल स्कीम (डीपीएस) का उद्घाटन किया। इस पहल का उद्देश्य उद्योग जगत, संस्थानों और रिसर्च लैब के विशेषज्ञों का एक समूह तैयार करना है ताकि उनके डोमेन के भीतर उच्च योग्यता रखने वाले और प्रतिष्ठित पेशेवरों को शामिल किया जा सके।

इस योजना का लक्ष्य एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों के छात्रों और संकाय सदस्यों को लेक्चर और सेमिनार आदि के माध्यम से प्रेरित व प्रोत्साहित करना है। यह योजना छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने, उद्योग जगत के साथ अच्छे संबंधों एवं अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने, स्टार्टअप और उद्यमिता का समर्थन करने और भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को मजबूत करने के लिए बनाई गई है।

छात्रों को नौकरी के बाजार में चुनौतियों का सामना करने में मिलेगी मदद

स्कीम को लांच करने के दौरान एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने अनुभवी पेशेवरों द्वारा संकाय और छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह आदान-प्रदान न केवल छात्रों की उद्योग जगत की जरूरतों की समझ को समृद्ध करेगा, बल्कि संकाय सदस्यों की शिक्षण क्षमताओं को भी बढ़ाएगा। यह छात्रों को नौकरी के बाजार में चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।

पंजीकरण के लिए क्या है अनिवार्य?

योजना में पंजीकरण कराने के लिए इच्छुक योग्य पेशेवरों के लिए यह अनिवार्य है कि उन्होंने अपने संबंधित क्षेत्रों में समाज के लिए अद्वितीय तकनीकी या पेशेवर योगदान दिया हो। उनको अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, नवाचार और ब्यूरोक्रेसी के क्षेत्र में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। योजना का कार्यकाल तीन साल या 75 वर्ष की आयु तक है, जो भी पहले हो। पेशेवरों को संकाय सदस्यों और छात्रों के साथ पूरे दिन के सेशन के लिए 15,000 रुपये का मानदेय मिलेगा। एक प्रोफेशनल प्रतिमाह दो और प्रतिवर्ष अधिकतम 12 सेशन ले सकता है जिसमें कम से कम तीन सेशन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित संस्थानों में होने चाहिए।

योजना के लिए नामांकन पूरे वर्ष डीपीएस पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। एआईसीटीई-डीपीएस का प्रस्ताव अनुरोध या निमंत्रण पत्र में दी गई अवधि के लिए वैध रहेगा। मेजबान संस्थान अनुमोदित पैनल से विशिष्ट पेशेवरों का अनुरोध करने के लिए एआईसीटीई डीपीएस पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। हर सेशन के बाद संस्थान को निर्धारित प्रारूप में एक रिपोर्ट और फीडबैक देना भी अनिवार्य है। एआईसीटीई की ओर से सेशन के लिए मान्यता प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।

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