वोडाफोन मामले में सरकार सख्त

सरकार ने गुरुवार को वोडाफोन मामले में वैश्विक व्यापारिक संगठनों द्वारा डाले जा रहे दबाव पर अपना रुख कड़ा करते हुए कहा है कि ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी इस मामले में भारत-नीदरलैंड निवेश संधि का हवाला नहीं दे सकती, क्योंकि 11.2 अरब डालर का यह सौदा केमन आइलैंड में हुआ था।

By Edited By: Publish:Thu, 19 Apr 2012 06:17 PM (IST) Updated:Fri, 20 Apr 2012 12:32 AM (IST)
वोडाफोन मामले में सरकार सख्त

नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को वोडाफोन मामले में वैश्विक व्यापारिक संगठनों द्वारा डाले जा रहे दबाव पर अपना रुख कड़ा करते हुए कहा है कि ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी इस मामले में भारत-नीदरलैंड निवेश संधि का हवाला नहीं दे सकती, क्योंकि 11.2 अरब डालर का यह सौदा केमन आइलैंड में हुआ था।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि व्यापारिक संगठन सरकार पर इस बात के लिए दबाव नहीं डाल सकते कि किस पर कर लगना चाहिए और किस पर नहीं। इसी तरह का पिछली तारीख से संशोधन ब्रिटेन में पिछले महीने हुआ था और वहां वोडाफोन को कर चुकाना पड़ा था। ऐसे में वोडाफोन को भारत में क्यों इस तरह की समस्या आ रही है।

कई वैश्विक संगठन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य मंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार का आयकर कानून में पिछली तारीख से संशोधन के प्रस्ताव से देश में विदेशी निवेश बुरी तरह प्रभावित होगा। सरकार का मकसद इस कानून में संशोधन के जरिए वोडाफोन जैसे सौदों को कर के दायरे में लाने का है।

इन संगठनों ने अमेरिकी वित्त मंत्री टिमोथी गेथनर से आग्रह किया है कि वह इस विवादास्पद मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की वाशिंगटन में होने वाली बैठक में उठाएं।

वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने वोडाफोन द्वारा कर मामले में नीदरलैंड के साथ निवेश संधि को लागू करने की धमकी के बारे में कहा द्विपक्षीय निवेश संरक्षण संधि [बीपा] में पंचाट की धारा वोडाफोन-हचिसन सौदे के संबंध में लागू नहीं होती है, क्योंकि इस पर दस्तखत केमन आइलैंड में किए गए थे।

अधिकारी ने कहा कि यह सौदा केमन आइलैंड में हुआ और वे इस मामले में भारत-नीदरलैंड संधि को लागू करना चाहते हैं। अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में वोडाफोन कहती है कि यह सौदा भारत से बाहर बीपा के तहत हुआ है, वहीं साथ ही वह यह भी कह रही है कि उसने भारत में उल्लेखनीय निवेश किया हुआ है।

इसी सप्ताह वोडाफोन की नीदरलैंड इकाई ने सरकार को विवाद नोटिस जारी करते हुए द्विपक्षीय निवेश संधि के तहत मामले को अंतरराष्ट्रीय पंचाट में ले जाने की धमकी दी थी।

वित्त विधेयक, 2012 का प्रस्तावित संशोधन यदि लागू हो जाता है, तो इससे वोडाफोन द्वारा हचिसन की खरीद का सौदा कर दायरे में आ जाएगा। ऐसे में ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी को 2007 में हचिसन एस्सार में एचिसन की हिस्सेदारी की खरीद के सौदे में 11,000 करोड़ रुपये का कर चुकाना होगा।

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