मित्तल ब्रिटेन के धनकुबेरों में फिर शीर्ष पर
अनिवासी भारतीय उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल और उनका परिवार लगातार सातवें साल ब्रिटेन के दौलतमंदों की सूची में शिखर पर काबिज है। हर साल ब्रिटेन के धनकुबेरों की सूची जारी करने वाले अखबार संडे टाइम्स के मुताबिक, 61 वर्षीय मित्तल और उनके परिवार की संपत्ति एक साल 481.4 करोड़ पौंड तक घट गई है। लक्ष्मी दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलर-मित्तल के मालिक हैं। इसके बावजूद वह 12.7 अरब पौंड की नेटवर्थ के साथ ब्रिटेन के सबसे धनी व्यक्ति बने हुए हैं।
लंदन। अनिवासी भारतीय उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल और उनका परिवार लगातार सातवें साल ब्रिटेन के दौलतमंदों की सूची में शिखर पर काबिज है। हर साल ब्रिटेन के धनकुबेरों की सूची जारी करने वाले अखबार संडे टाइम्स के मुताबिक, 61 वर्षीय मित्तल और उनके परिवार की संपत्तिएक साल 481.4 करोड़ पौंड तक घट गई है। लक्ष्मी दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलर-मित्तल के मालिक हैं। इसके बावजूद वह 12.7 अरब पौंड की नेटवर्थ के साथ ब्रिटेन के सबसे धनी व्यक्ति बने हुए हैं।
मित्ताल रूसी लौह अयस्क उद्यमी अलिशर उस्मानोव से कुछ ही आगे हैं। उस्मानोव 12.3 अरब पौंड की अनुमानित नेटवर्थ के साथ दूसरे पायदान पर हैं। भारतीय मूल के उद्योगपति श्रीचंद हिंदुजा और गोपीचंद हिंदुजा 8.6 अरब पौंड के नेटवर्थ के साथ सूची में चौथे स्थान पर हैं।
मित्तल और उस्मानोव के बाद सूची में तीसरे पायदान पर चेलसी के मालिक व तेल सम्राट रोमन अब्रामूविच हैं। उनके पास 9.5 अरब पौंड की संपत्तिहै। ग्लोबल मंदी के बावजूद पिछले साल धनी और धनवान हुए हैं। इसके साथ ही देश के 1,000 सबसे धनी लोगों की कुल नेटवर्थ 414 अरब पौंड रही, जो इससे पिछले साल के मुकाबले 4.7 प्रतिशत अधिक है।
भारत प्राथमिकता सूची में
भारत में आर्सेलर-मित्तल की स्टील परियोजनाओं में धीमी प्रगति के बीच स्टील किंग ने कहा कि उनकी कंपनी के लिए भारत प्राथमिक सूची में शामिल है। हालांकि, निवेश मोर्चे पर वह नीचे है। आर्सेलर-मित्तल कर्नाटक स्थित 30,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 60 लाख टन सालाना क्षमता वाली स्टील परियोजना के लिए जरूरी 2,800 एकड़ में से केवल 1,800 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर पाई है। कंपनी ने झारखंड और उड़ीसा में 1.2 करोड़ टन क्षमता का स्टील संयंत्र लगाने की योजना बनाई है, लेकिन इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई। मित्तल ने कहा कि अगर परियोजना में ज्यादा प्रगति नहीं होती है, तो हम निवेश नहीं करेंगे। मित्तल भविष्य में बठिंडा रिफाइनरी का आइपीओ ला सकते हैं। साथ ही इस रिफानरी की क्षमता को 90 लाख टन से बढ़ाकर 1.12 करोड़ टन तक विस्तार भी किया जाएगा।
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