बॉम्बे हाइकोर्ट ने बीपीओ कर्मी के हत्यारों की फांसी को उम्रकैद में बदला

पुणे की विप्रो कंपनी के बीपीओ में काम करने वाली 22 वर्षीया महिला की दुष्‍कर्म के बाद हत्‍या के मामले में दोनों आरोपियों को मिली फांसी की सजा को कोर्ट ने उम्रकैद में बदला।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Mon, 29 Jul 2019 02:17 PM (IST) Updated:Mon, 29 Jul 2019 02:17 PM (IST)
बॉम्बे हाइकोर्ट ने बीपीओ कर्मी के हत्यारों की फांसी को उम्रकैद में बदला
बॉम्बे हाइकोर्ट ने बीपीओ कर्मी के हत्यारों की फांसी को उम्रकैद में बदला

पुणे, प्रेट्र। बॉम्बे हाइकोर्ट ने विप्रो कंपनी के बीपीओ में काम करने वाली 22 वर्षीया महिला के साथ दुष्‍कर्म और हत्या के मामले में दो दोषियों को मिली फांसी की सजा को रद कर उम्रकैद में बदल दिया है। इन आरोपियों में एक कैब ड्राइवर था तो दूसरा उसका दोस्त था। 

साल 2007 में हुई इस घटना में पीडि़ता की पुरुषोत्तम बोराटे और और प्रदीप कोकाटे ने दुष्‍कर्म के बाद हत्या कर दी थी। घटना के कुछ दिन बाद ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों हत्यारों को पुणे, सेशन कोर्ट ने मार्च 2012 में फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं, हाईकोर्ट ने भी सेशन कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। जिसके बाद दोनों सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों को राहत नहीं दी और साल 2015 में फांसी को बरकरार रखा।

दोनों आरोपी पुणे की यरवदा जेल में बंद हैं और दोनों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। हालांकि, कई साल बीत जाने के बाद इसी साल जून के महीने में दोनों ने कई साल से जेल में बंद होने का हवाला देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की थी। जिस पर अदालत का यह फैसला आया है।

क्या है मामला?

पुणे की हिंजवड़ी स्थित विप्रो बीपीओ में काम करने वाली पीडि़ता मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली थी। ये घटना 1 नवंबर 2007 की है जब पीडि़ता नाइट शिफ्ट के लिए कंपनी की कैब से जा रही थी। उस समय कार पुरुषोत्तम बोराटे चला रहा था। उसका दोस्त प्रदीप कोकाटे भी उनके साथ मौजूद था। ड्राइवर पुरुषोत्तम कार कंपनी की ओर ले जाने की जगह पुणे-मुंबई एक्सप्रेस वे के पास गहुंजे गांव के पास ले गया। वहां पर सुनसान जगह पर दोनों ने लड़की का दुष्‍कर्म किया और पहचान छिपाने के लिए उसका सिर पत्थर से वार कर कुचल दिया और फरार हो गए।

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