नागपुर जिला 31 मार्च तक ‘खुले में शौच’ से होगा मुक्त

जिला परिषद की स्थाई समिति सभा में 31 मार्च तक संपूर्ण जिले को ‘खुले में शौच’ से मुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 20 Mar 2017 05:16 AM (IST) Updated:Mon, 20 Mar 2017 05:27 AM (IST)
नागपुर जिला 31 मार्च तक ‘खुले में शौच’ से होगा मुक्त
नागपुर जिला 31 मार्च तक ‘खुले में शौच’ से होगा मुक्त

नागपुर। जिला परिषद की स्थाई समिति सभा में 31 मार्च तक संपूर्ण जिले को ‘खुले में शौच’ से मुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया। जिप अध्यक्ष निशा सावरकर ने बताया कि जिले की 786 ग्राम पंचायतों में से 375 ग्राम पंचायतें पूरी तरह ‘खुले में शौच’ से मुक्त हो चुकी हैं। 226 ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव हाल ही में सरकार को भेजे गए हैं। शेष 167 ग्राम पंचायतों को मार्च 2017 तक ‘खुले में शौच’ से मुक्त किया जाएगा। बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई।
जिले में जलसंकट से निपटने के लिए 1100 हैंडपंप के प्राक्कलन का प्रारूप तैयार कर मार्च के अंत तक इसे पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। कारखाना कर, गृह कर मार्च अंत तक 100 प्रतिशत वसूल करने के निर्देश उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी को दिए गए। लोणखैरी में किसानों को चना वितरण में हुई धांधली पर चर्चा की गई। इसमें दोषी पाए जाने वाले अधिकारी तथा कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई करने के आदेश िदए गए। सभा में उपाध्यक्ष शरद डोनेकर, सभापति दीपक गेडाम, आशा गायकवाड़, पुष्पा वाघाड़े, स्थाई समिति सदस्य संध्या गोतमारे, रूपराव शिंगने, विजय देशमुख, वर्षा धोपटे, ज्ञानेश्वर कंभाले, मनोहर कुंभारे, उज्वला बोढारे, पद्माकर कडू, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. कादंबरी बलकवड़े, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंकुश केदार तथा जिला परिषद के सभी विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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