Maharashtra: कोरोना संकट के बीच उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर भी गहरा पेंच

Coronavirus राज्य की महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फिलहाल विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 04 Apr 2020 08:16 PM (IST) Updated:Sat, 04 Apr 2020 08:56 PM (IST)
Maharashtra: कोरोना संकट के बीच उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर भी गहरा पेंच
Maharashtra: कोरोना संकट के बीच उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर भी गहरा पेंच

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। Coronavirus: महाराष्ट्र में एक तरफ लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के संकेत दिए जा रहे हैं, तो दूसरी ओर राज्य की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पर भी पेच गहराता जा रहा है। संभव है इसी लॉकडाउन के कारण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा देकर फिर से शपथ लेनी पड़े।

राज्य की महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फिलहाल विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार उन्हें छह माह, अर्थात 29 मई, 2020 से पहले राज्य विधानमंडल के किसी सदन की सदस्यता ले लेनी चाहिए। विधानसभा का सदस्य बनने के लिए उनकी पार्टी के किसी विधायक को अपने पद से त्यागपत्र देना होगा। फिर चुनाव आयोग को 29 मई से 45 दिन पहले उपचुनाव की घोषणा करनी होगी। तभी उद्धव उस चुनाव में विजयी होकर विधानसभा के सदस्य हो पाएंगे। दूसरा उपाय विधान परिषद की सदस्यता प्राप्त करने का है। इसके लिए चुनाव आयोग को सिर्फ 15 दिन पहले अधिसूचना जारी करनी होगी।

कोरोना संकट के कारण पहला विकल्प बिल्कुल संभव नहीं लगता। क्योंकि देश व्यापी लॉक डाउन के कारण 14 अप्रैल से पहले अधिसूचना जारी हो पाना संभव नहीं है। जबकि 24 अप्रैल को खाली हो रही विधान परिषद की सीटों के चुनाव भी आगे बढ़ाने की घोषणा चुनाव आयोग कर चुका है। इसलिए 29 मई से पहले इस उच्च सदन की सदस्यता ले पाना भी उद्धव के लिए संभव नहीं दिख रहा है। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री पद बरकरार रखने के लिए उद्धव के सामने एक ही उपाय दिखाई दे रहा है कि वह अपने पिछले शपथ ग्रहण से छह माह की अवधि पूर्ण होने से पहले ही अपने संपूर्ण मंत्रिमंडल के साथ राज्यपाल को त्यागपत्र दें।

उसके बाद वह पुनः पद एवं गोपनीयता की शपथ लें। हालांकि कांग्रेस और राकांपा महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में शामिल हैं। और चुनाव के बाद गहरी शिकस्त खा चुकी भाजपा अभी चुनौती देने के मूड में नहीं दिखती। इसलिए उद्धव की कुर्सी पर कोई संकट फिलहाल नजर नहीं आ रहा। 

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