कोरोना की स्थिति को देख शिवसेना के मुखपत्र सामना ने कहा- सही समय पर संज्ञान लेता SC तो नहीं बिगड़ते हालात

देश में दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के कारण हालात खराब होते जा रहे हैं इस मामले में शिवसेना के मुखपत्र सामना का कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट सही समय पर संज्ञान लेता तो ऐसी भयावह स्थिति पैदा नहीं होती।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 08:29 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 08:29 AM (IST)
कोरोना की स्थिति को देख शिवसेना के मुखपत्र सामना ने कहा- सही समय पर संज्ञान लेता SC तो नहीं बिगड़ते हालात
कोविड स्थिति को देख सामना ने कही ये बात

मुंबई, एएनआइ। देश में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के कारण लगातार बिगड़ रहे हालात को देखते हुए शिवसेना (Shivsena) के मुख पत्र सामना (Saamna) का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने अब देश में कोविड की स्थिति का संज्ञान लिया है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक नेताओं, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री द्वारा किए गए रोड शो और हरिद्वार कुंभ (Haridwar kumbh) को लेकर सही समय पर ध्यान दिया होता तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। 

गौरतलब है कि देशभर में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के कारण स्‍वास्‍थ्‍य सुविधायें उपलब्‍ध न होने के कारण हाहाकार मचा हुआ है, जिसे देखते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। देश में बढ़ रहे कोरोना (CoronaVirus) संक्रमण के मामलों के बीच ऑक्‍सीजन और दवाओं की किल्‍लत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्‍त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बेहद गंभीर मुद्दे पर स्‍वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार (Central Government) को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए उनके पास कौन सा नेशनल प्‍लान ( National Plan) है। कोर्ट ने हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है। 

 सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार अहम मुद्दों पर नेशनल प्‍लान मांगा है। इसमें पहला मुद्दा है ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई, दूसरा दवाओं की सप्‍लाई, तीसरा वैक्‍सीन देने का तरीका और प्रक्रिया जबकि चौथा लॉकडाउन करने का अधिकार सिर्फ राज्‍य को हो और कोर्ट को नहीं। इन सभी मुद्दों को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है।

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