Maharashtra: महाविकास अघाड़ी में बाहरी नेता के जरिए जगह तलाश रही सपा

Maharashtra भाजपा के पूर्व सांसद राम चरित्र निषाद अगले महानगरपालिका चुनाव में शिवसेना शरद पवार की पार्टी राकांपा और सपा को एक साथ लाने की मुहिम पर जुट गए हैं। निषाद ने शिवसेना अध्यक्ष व राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 08:59 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 08:59 PM (IST)
Maharashtra: महाविकास अघाड़ी में बाहरी नेता के जरिए जगह तलाश रही सपा
महाविकास अघाड़ी में बाहरी नेता के जरिए जगह तलाश रही सपा। फाइल फोटो

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Maharashtra: महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी में उत्तर प्रदेश के एक पूर्व सांसद के जरिए समाजवादी पार्टी भी अपने लिए कोई कोना तलाश करती दिखाई दे रही है। अब सपा में जा चुके भाजपा के पूर्व सांसद राम चरित्र निषाद अगले महानगरपालिका चुनाव में शिवसेना, शरद पवार की पार्टी राकांपा और सपा को एक साथ लाने की मुहिम पर जुट गए हैं। कुछ दिनों पहले मुंबई आए राम चरित्र निषाद ने शिवसेना अध्यक्ष व राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए निषाद ने कहा कि उद्धव से उनकी मुलाकात सकारात्मक रही। वह इस मुलाकात व उद्धव से हुई बात की जानकारी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को देंगे।

इसके बाद अखिलेश व उद्धव ठाकरे की बातचीत में आगे का रास्ता निकल सकता है। राम चरित्र निषाद का मानना है कि मुंबई में रह रहे उत्तर प्रदेश मूल के लोगों का अब भाजपा से मोहभंग होने लगा है। उन्हें मुंबई में किसी नए विकल्प की तलाश है। चूंकि समाजवादी पार्टी पहले से यहां उत्तर भारतीयों की आवाज मजबूती से उठाती रही है। इसलिए शिवसेना व राकांपा के साथ उसका गठबंधन बनने के बाद उत्तर भारतीय समुदाय अगले वर्ष होने वाले मुंबई के महानगरपालिका चुनाव में इस गठबंधन के साथ आ सकता है। लेकिन आश्चर्य यह कि राम चरित्र निषाद इस गठबंधन की बात करते समय महाविकास आघाड़ी के एक महत्त्वपूर्ण घटक कांग्रेस का नाम नहीं लेते।

जबकि शिवसेना से पहले कांग्रेस ही लंबे समय तक मुंबई महानगरपालिका की सत्ता पर काबिज रही है। वह समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष व महाराष्ट्र के मुस्लिमों में गहरी पैठ रखने वाले अबू आसिम आजमी का जिक्र करना भी भूल जाते हैं। जबकि करीब तीन दशक से महाराष्ट्र में सपा का नेतृत्व आजमी के ही हाथों में है। अबू आसिम आजमी उस समय भी भाजपा व शिवसेना से अकेले टकराते देखे गए हैं, जब कांग्रेस और राकांपा जैसे मजबूत विपक्षी दल भी शांत बैठे दिखाई देते थे। अबू आसिम आजमी महाविकास अघाड़ी सरकार में सीधे शामिल न होते हुए भी भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के मुद्दे पर यदाकदा अघाड़ी के साथ खड़े दिखाई देते हैं। महाविकास अघाड़ी के साथ किसी भी तरह की बातचीत करने में वह स्वयं सक्षम भी हैं।

रामचरित्र निषाद 2014 की मोदी लहर में भाजपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश के मछलीशहर से लोकसभा चुनाव जीते थे। 2019 में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह सपा में शामिल हो गए। सपा ने उन्हें लोकसभा का टिकट भी दिया। लेकिन वह जीत नहीं सके। अब मुंबई में उनकी सक्रियता पर भाजपा नेता भी अचरज में हैं। मुंबई भाजपा के प्रवक्ता अजय सिंह का कहना है राम चरित्र निषाद के चुनाव क्षेत्र में जनता की नाराजगी के कारण उनका टिकट कटा था। अब वह मुंबई में अपनी जमीन तलाशने पहुंच गए हैं। जबकि मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीय अच्छी तरह समझते हैं कि शिवसेना उनकी कितनी हितैषी है। बाहर से आकर किसी को यह बताने या समझाने की जरूरत नहीं है।

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