TRP Scam: टीआरपी घोटाले में मुंबई पुलिस ने की रिपब्लिक टीवी के सीईओ से नौ घंटे पूछताछ

टीआरपी में हेरफेर के मामले में पूछताछ के लिए चैनल के दोनों वरिष्ठ अधिकारी मुंबई पुलिस के समक्ष पेश हुए। पुलिस ने टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विकास खानचंदानी और दो मुख्य परिचालन अधिकारियों (सीओओ) को पूछताछ के लिए समन जारी किया था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 12 Oct 2020 06:05 AM (IST) Updated:Mon, 12 Oct 2020 06:05 AM (IST)
TRP Scam: टीआरपी घोटाले में मुंबई पुलिस ने की रिपब्लिक टीवी के सीईओ से नौ घंटे पूछताछ
मुंबई पुलिस से पूछताछ के बाद बाहर निकलते रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी। (पीटीआइ)

मुंबई, एजेंसियां। रिपब्लिक टीवी के सीईओ और सीओओ से मुंबई पुलिस ने टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) घोटाले की जांच के सिलसिले में रविवार को पूछताछ की। इसके बाद चैनल की ओर से कहा गया कि वह संपादकीय स्वतंत्रता पर रोक लगाने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देगा। इसने कहा कि मीडिया पर आपातकाल की तरह संपादकीय नियंत्रण लगाने की कोशिश होगी तो हम इसके खिलाफ मजबूती से खड़े होंगे।

एक अधिकारी ने बताया कि टीआरपी में हेरफेर के मामले में पूछताछ के लिए चैनल के दोनों वरिष्ठ अधिकारी मुंबई पुलिस के समक्ष पेश हुए। पुलिस ने टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विकास खानचंदानी और दो मुख्य परिचालन अधिकारियों (सीओओ) को पूछताछ के लिए समन जारी किया था। पुलिस ने बताया कि खानचंदानी से नौ घंटे और सीओओ हर्ष भंडारी से पांच घंटे तक पूछताछ हुई। पुलिस ने रिपब्लिक टीवी की वितरण टीम के वरिष्ठ सदस्य घनश्याम सिंह का बयान भी दर्ज किया। 

दो अन्य चैनलों के अधिकारियों, हंसा रिसर्च ग्रुप के सीईओ का भी बयान दर्ज

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने एक बयान में कहा कि मुंबई पुलिस ने हमारे सीईओ, सीओओ और वितरण टीम के एक वरिष्ठ सदस्य से कुल 20 घंटे तक पूछताछ की। हमें यह जानकर हैरानी हुई कि सीईओ खानचंदानी से पुलिस ने यह जानने का प्रयास किया कि नेटवर्क को हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड की शिकायत की प्रति कैसे मिली। हंसा की शिकायत की रिपोर्ट रिपब्लिक को कैसे हासिल हुई, इस बारे में बार-बार पूछताछ चलती रही। 

दरअसल, इसी से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के खिलाफ फैलाए जा रहे झूठ सामने आ गए। बयान में कहा गया, जैसा कि सभी जानते हैं कि हंसा की शिकायत में इंडिया टुडे का कई बार जिक्र आया है, जबकि रिपब्लिक टीवी, रिपब्लिक भारत या रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क से संबंधित किसी का एक बार भी नाम नहीं है। यह रिपोर्ट जिसमें रिपब्लिक का कोई जिक्र ही नहीं है, उसी के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। 

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