Maharashtra: अजीत पवार ने कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक पर दी श्रद्धांजलि

Maharashtra हर साल कोरेगांव भीमा युद्ध की वर्षगांठ पर लाखों लोग श्रद्धांजलि देने के लिए जय स्तंभ तक पहुंचते हैं। यह युद्ध एक जनवरी 1818 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा सल्तनत के पेशवा गुट के बीच हुआ था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 01 Jan 2021 07:38 PM (IST) Updated:Fri, 01 Jan 2021 07:38 PM (IST)
Maharashtra: अजीत पवार ने कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक पर दी श्रद्धांजलि
अजीत पवार ने कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक पर दी श्रद्धांजलि। फाइल फोटो

पुणे, प्रेट्र। Maharashtra: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार व कुछ अन्य नेताओं ने जय स्तंभ पर श्रद्धांजलि दी। शुक्रवार को कोरेगांव भीमा युद्ध की 203वीं वर्षगांठ थी। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख तथा ऊर्जा मंत्री नितिन राउत स्मारक पर श्रद्धांजलि देने वालों में शामिल थे। यह स्मारक पुणे-अहमदनगर रोड पर पेर्ने गांव के पास स्थित है। वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर भी श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। इस अवसर पर अजीत पवार ने कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों से अपने घरों से ही श्रद्धांजलि देने की अपील की। हर साल युद्ध की वर्षगांठ पर लाखों लोग श्रद्धांजलि देने के लिए जय स्तंभ तक पहुंचते हैं। यह युद्ध एक जनवरी 1818 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा सल्तनत के पेशवा गुट के बीच हुआ था।

इस साल कोविड-19 के कारण जिला प्रशासन और भीमा कोरेगांव विजय स्तंभ शौर्य दिन समन्वय समिति ने लागों से स्मारक तक नहीं आने की अपील की थी। लोगों से अपने घरों से ही श्रद्धांजलि देने को कहा था। जिला प्रशासन ने धारा 144 लगा रखी है। पेर्ने व आसपास के अन्य गांवों में बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध है। हालांकि संगठन व राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के प्रमुख लोगों को स्मारक तक जाकर श्रद्धांजलि देने की अनुमति दी गई है।

गौरतलब है कि नवंबर, 2020 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी वरवारा राव को राज्य सरकार के खर्चे पर नानावती अस्पताल में 15 दिनों के उपचार के लिए भर्ती होने की अनुमति दी थी। इस दौरान उनका परिवार अस्पताल के मानदंडों के अनुसार वहां जा सकता है। बीते दिनों महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जमा की गई एक मेडिकल रिपोर्ट में कहा था आरोपी और जेल में बंद कवि सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव पूरी तरह होश में हैं और उन्हें चीजों का बोध है। राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने दलील दी थी कि रिपोर्ट में राव की तंत्रिका तंत्र संबंधी हालत और तलोजा जेल में रहने के दौरान उनकी मूत्र नलिका में संक्रमण के बारे में कुछ नहीं लिखा गया है। हाईकोर्ट ने सरकार को इस बारे में पूरी रिपोर्ट दाखिल होने के लिए कहा था।

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