नागपुर जेल में रस्सी तैयार है

मुंबई में 22 साल पहले हुए आतंकी हमलों के गुनहगार याकूब मेमन को फांसी देने के लिए नागपुर जेल में सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। फांसी देने के लिए जेल में रस्सी तैयार है ।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2015 01:09 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2015 01:20 AM (IST)
नागपुर जेल में रस्सी तैयार है

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। मुंबई में 22 साल पहले हुए आतंकी हमलों के गुनहगार याकूब मेमन को फांसी देने के लिए नागपुर जेल में सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। फांसी देने के लिए जेल में रस्सी तैयार है और किसी भी तरह की प्रतिक्रिया से निपटने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है।

नियमानुसार किसी गुनहगार को फांसी दिए जाने से 14 दिन पहले उसे इसकी सूचना दे दी जाती है। याकूब के साथ भी ऐसा हो चुका है। उसके बाद ही उसकी ओर से दया याचिकाओं का नया दौर शुरू हुआ था। इस प्रक्रिया के बीच ही आईजी जेल प्रशासन मीरा बोरवनकर ने पिछले सप्ताह नागपुर जेल का दौरा कर फांसी की तैयारियों का मुआयना किया था। याकूब को फांसी दिलवाने के लिए वही जेल सुपरिनटेंडेंट योगेश देसाई अब नागपुर जेल में तैनात हैं, जो नवंबर 2012 में कसाब को फांसी देने के समय पुणे की यरवदा जेल में तैनात थे। याकूब को फांसी देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था सहित 22 लाख रुपए खर्च किए हैं।

सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रपति के यहां झूलते फैसले के बीच नागपुर जेल में आज फांसी की अंति तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। फांसी देनेवाली रस्सी के तीन सेट तैयार कर लिए गए हैं। रस्सी की गांठ को घी एवं पके केले से तर किया गया है, ताकि फांसी दिए जाते समय दोषी की त्वचा को कोई नुकसान न पहुंचे। दोषी के वजन के ढ्योढ़े वजन का पुतला लटका कर रस्सी की गांठों को जांचा भी जा चुका है। सुबह फांसी के समय जेल निरीक्षक, उपनिरीक्षक, जिलाधिकारी, डॉक्टर, जज आदि वहां मौजूद रहेंगे। फांसी देनेवाले कर्मचारी की योग्यता के बारे में जेल मैन्युअल में कुछ नहीं कहा गया है। बस से उसे अनुभवी होना चाहिए। अफजल गुरु की फांसी के बाद आए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार याकूब के परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है।

सुबह सात बजे याकूब मेमन को फांसी दी जानी है। दो घंटे पहले उसे उठाकर स्नान के लिए उसकी इच्छानुसार गरम या ठंडा पानी दिया जाएगा। उसकी इच्छानुसार धार्मिक पुस्तकें एवं मौलवी भी उपलब्ध कराने का प्रावधान है। उसे उसकी पसंद का भोजन भी दिया जाएगा। फांसी दिए जाने के बाद यदि याकूब का परिवार चाहे तो उसका शव उन्हें सौंपा जा सकता है। लेकिन उन्हें यह प्रतिज्ञापत्र देना होगा कि वह शव का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं करेंगे।

chat bot
आपका साथी