सरकार किसान आत्महत्या रोकने के लिए मनोचिकित्सकों की मदद लेगी

राज्य सरकार किसान आत्महत्या रोकने के लिए अब मनोचिकित्सकों की मदद लेगी। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग आंगनवाड़ी और आशा सेविकाओं का सहयोग लेगा।

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Thu, 14 May 2015 05:04 AM (IST) Updated:Thu, 14 May 2015 05:07 AM (IST)
सरकार किसान आत्महत्या रोकने के लिए मनोचिकित्सकों की मदद लेगी

मुंबई. राज्य सरकार किसान आत्महत्या रोकने के लिए अब मनोचिकित्सकों की मदद लेगी। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग आंगनवाड़ी और आशा सेविकाओं का सहयोग लेगा। स्वास्थ्य विभाग ने प्रयोग के तौर पर यवतमाल और उस्मानाबाद जिले की पांच-पांच तहसीलों को चुना है। उन्होंने बताया कि इसके लिए आंगनवाड़ी और आशा सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये सेविकाएं किसानों के बारे में जानकारी इकट्‌ठा करेंगी। कर्जदार, बीमार, नशाग्रस्त और विकलांग किसानों पर इनकी नजर रहेगी।
यदि इन सेविकाओं को लगता है कि कोई किसान आत्महत्या कर सकता है तो वह संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी देंगी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुंबई और पुणे से मनोचिकित्सकों की टीम भेजी जाएगी। मनोचिकित्सक किसान को दवाई भी उपलब्ध कराएंगे। आवश्यकता पड़ने पर किसानों का इलाज राजीव गांधी जीवनदायी योजना के माध्यम से भी किया जा सकता है। सावंत ने बताया कि विभाग की ओर से पुलिस कर्मचारियों के स्वास्थ्य की देखभाल भी की जाएगी। इसके लिए मुंबई के पांच पुलिस अस्पतालों और 12 दवाखानों के रिक्त पद भर जाएंगे।

कॉर्डियोलॉजिस्ट यूनिट भी शुरू की जाएगी। साथ ही मधुमेह, हृदयविकार, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियों के लिए जरूरी मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे पुलिस कर्मचारियों के साथ ही उनके परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सकेगा।

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