मुंबई में 'लव जिहाद' के खिलाफ निकला मोर्चा, शिवसेना ने पूछा- भाजपा के राज में हिंदुत्व पर खतरा क्यों?

संपादकीय में कहा गया कि राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी कट्टर हिंदुत्ववादी सरकार होने के बावजूद रैली निकालने वालों का हिंदुत्व कैसे खतरे में है। भाजपा समर्थक कहते हैं कि केंद्र में मोदी-शाह के शासन में रामराज्य चल रहा है ऐसे में इस आक्रोश मोर्चे की क्या जरूरत थी।

By AgencyEdited By: Publish:Mon, 30 Jan 2023 07:56 PM (IST) Updated:Mon, 30 Jan 2023 07:56 PM (IST)
मुंबई में 'लव जिहाद' के खिलाफ निकला मोर्चा, शिवसेना ने पूछा- भाजपा के राज में हिंदुत्व पर खतरा क्यों?
शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने पार्टी मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में भाजपा से पूछे गए कई सवाल

मुंबई, पीटीआई। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने 'लव जिहाद' के खिलाफ जुलूस निकाले जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष किया और पार्टी से पूछा कि केंद्र और महाराष्ट्र में हिंदुत्ववादी सरकारें होने के बावजूद ऐसे विरोध-प्रदर्शनों की क्या जरूरत है।

मुखपत्र सामना में भाजपा को घेरा गया

शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने पार्टी मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा कि भाजपा को जब भी हार का झटका लगता है तो पार्टी हिंदू-मुस्लिम का कार्ड खेलना शुरू कर देती है। बता दें कि हिंदुवादी संगठनों ने रविवार को मुंबई में 'लव जिहाद' के विरुद्ध 'हिंदू जन आक्रोश मोर्चा' निकाला। इसमें धर्मांतरण विरोधी कानून और धर्म के नाम पर जमीन हड़पने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई। रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद आदि संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मार्च किया।

'चुनाव के लिए हिंदुत्व को खतरे में बताती है भाजपा'

संपादकीय में कहा गया है कि राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी कट्टर हिंदुत्ववादी सरकार होने के बावजूद रैली निकालने वालों का हिंदुत्व कैसे खतरे में है। भाजपा समर्थक कहते हैं कि केंद्र में मोदी-शाह के शासन में रामराज्य चल रहा है, ऐसे में इस आक्रोश मोर्चे की क्या जरूरत थी। सामना के अनुसार, केंद्र और राज्यों में मुस्लिम पार्टियों की सरकार होने पर ऐसी रैली तर्कसंगत होती। संपादकीय में आगे कहा गया है कि लव-जिहाद या जबरन धर्मांतरण के विरुद्ध बेशक सख्त कानून होना चाहिए लेकिन भाजपा चुनाव नजदीक आने पर हिंदुत्व को खतरे में बताने लगती है, भले ही राज्य में भाजपा की ही सरकार हो।

'मौलाना' मुलायम सिंह को पद्म विभूषण कारसेवकों का अपमान बताया

संपादकीय में दिवंगत समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण से सम्मानित किए जाने पर भी कटाक्ष किया गया। अखबार के अनुसार ‘मौलाना’ मुलायम सिंह को पद्म विभूषण देना 'राम मंदिर आंदोलन के हजारों कारसेवकों के बलिदान का अपमान' है।

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