अंतत: फांसी चढ़ा याकूब

बुधवार की पूरी रात नई दिल्ली में मुख्य न्यायाधीश के घर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चले लंबे ड्रामे के बावजूद याकूब मेमन बच नहीं सका। मुंबई धमाकों के गुनहगार को गुरुवार सुबह 6.35 बजे नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 31 Jul 2015 01:43 AM (IST) Updated:Fri, 31 Jul 2015 01:44 AM (IST)
अंतत: फांसी चढ़ा याकूब

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। बुधवार की पूरी रात नई दिल्ली में मुख्य न्यायाधीश के घर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चले लंबे ड्रामे के बावजूद याकूब मेमन बच नहीं सका। मुंबई धमाकों के गुनहगार को गुरुवार सुबह 6.35 बजे नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई।

याकूब मेमन 22 साल पहले 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटकांड मामले में फांसी की सजा पानेवाले 12 आरोपियों में से एक था। फांसी की सजा पाए आरोपियों में से एक की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। 10 की सजा सर्वोच्च न्यायालय माफ कर चुका है। इसलिए याकूब मेमन मुंबई में हुए पहले बड़े आतंकी हमले के मामले में फांसी पर चढऩे वाला पहला और फिलहाल अंतिम शख्स साबित हुआ।

विमान से मुंबई लाया गया शव

फांसी देने के बाद याकूब का शव उसके परिवार को सौंप दिया गया। दोपहर में इंडिगो-544 फ्लाइट से शव नागपुर से मुंबई लाया गया। शव को पहले माहिम स्थित अल-हुसैनी इमारत में ले जाया गया, जहां 1993 के विस्फोटों के समय भी मेमन का पूरा कुनबा रहता था। विस्फोटों की साजिश भी इसी इमारत में रची गई थी।

बड़ा कब्रिस्तान में हुआ दफन

पहले उम्मीद की जा रही थी कि याकूब के शव को माहिम के ही कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा। लेकिन उसके परिवार की इच्छा थी कि उसे दक्षिण मुंबई के मरीन लाइंस स्थित बड़ा कब्रिस्तान में दफनाया जाए, जहां उसके पिता रज्जाक मेमन एवं परिवार के अन्य सदस्य दफनाए गए हैं। इसलिए याकूब को भी दफनाने का इंतजाम यहीं किया गया। बड़ा कब्रिस्तान के बाहर बड़ी संख्या लोग मौजूद थे। याकूब को उसके पिता की कब्र के बगल में ही शाम करीब छह बजे दफना दिया गया।

कड़ी सुरक्षा

सुरक्षा की दृष्टि से माहिम क्षेत्र सहित पूरी मुंबई को एक तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया था। संवदेनशील इलाकों में कुल 35,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। पुलिस आयुक्त राकेश मारिया खुद अल-हुसैनी इमारत के निकट मौजूद थे। सतर्कता बरतते हुए पूरी मुंबई से 405 लोगों को हिरासत में ले लिया गया था।

आखिरी लम्हे

- 3.30 बजे तड़के तीन सिपाही उसे लेने नागपुर जेल की उसकी काल कोठरी में पहुंचे।

- 4.00 बजे उसे नहाने को कहा और पहनने के लिए नए कपड़े दिए। फिर एक सरकारी चिकित्साधिकारी ने उसके स्वास्थ्य की जांच की और उसे पूर्ण स्वस्थ पाया।

- 5.00 बजे उसे पवित्र कुरान दी गई और उसने नमाज पढ़ी।

- 5.30 बजे उसे नाश्ते में उपमा दिया गया। लेकिन उसने उसे छुआ तक नहीं। कुछ समय आराम के लिए देने के बाद उसे फांसी के फंदे के पास ले जाया गया। जहां नागपुर के मुख्य न्यायिक अधिकारी एमएम देशपांडे ने टाडा कोर्ट द्वारा उसे दी गई सजा का ब्योरा पढ़कर सुनाया।

- 6.35 बजे उसका चेहरा काले कपड़े से ढंक कर उसे फांसी दे दी गई।

- 7.05 बजे जेल प्रशासन ने याकूब को फांसी दिए जाने की औपचारिक घोषणा कर दी। जेल सुपरिटेंडेंट योगेश देसाई की निगरानी में उसे फांसी दी गई।

इनका नंबर कब आएगा

मुंबई धमाकों में याकूब मेमन को फांसी की सजा मिल चुकी है, लेकिन इन धमाकों से जुड़े अन्य दोषियों का नंबर कब आएगा?

1 टाइगर मेमन

याकूब का भाई और दाऊद का दायां हाथ इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक नदीम मेमन अपराध की दुनिया में टाइगर मेमन के नाम से जाना जाता है। मुंबई में धमाकों से एक दिन पहले वह दुबई चला गया। टाइगर 2010 में कराची में था और आइएसआइ के लिए काम कर रहा था। हालांकि पाकिस्तान इस बात से इन्कार करता है।

2. दाऊद इब्राहिम

धमाकों का मास्टरमाइंड शेख दाऊद इब्राहिम कासकर उर्फ दाऊद इब्राहिम को भारत के साथ-साथ अमेरिका ने भी आतंकी घोषित कर रखा है। मुंबई धमाकों से कुछ समय पहले ही वह दुबई से कराची चला गया और तब से वहीं रह रहा है।

3. मोहम्मद दौसा

मुंबई धमाकों के तीन मुख्य आरोपियों में टाइगर और दाऊद के बाद तीसरा आरोपी है मोहम्मद दौसा। दौसा को 2003 में गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी साल मई में दौसा पर कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान मॉडलों को बुलवाने और ऑडिशन कराने का मामला सामने आया था। दौसा की पत्नी और दो बच्चों का दुबई में सोने और इलेक्ट्रॉनिक्स का कारोबार है।

4. अयूब मेमन

मेमन बंधुओं में सबसे बड़ा अयूब फरार है। माना जाता है कि वह अपने भाई टाइगर के साथ पाकिस्तान में ही है।

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